सोनी चौहान
देहरादून इंटरनेशनल गुडविल सोसाइटी चैप्टर की पहली मीटिंग चैप्टर के अध्यक्ष डॉ आर मीनाक्षी सुंदरम, उपाध्यक्ष डॉ अजय सक्सेना, राकेश ओबेराय, सचिव कुँवर राज अस्थाना एवं सोसाइटी के कार्यकारिणी सदस्यों की उपस्थिति में सम्पन्न हुई। मीटिंग की अध्यक्षता उत्तराखंड तकनीकी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो डॉ नरेंद्र एस चौधरी ने की। मीटिंग में कार्यकारिणी सदस्यों के अलावा बड़ी संख्या में नए सदस्य भी उपस्थित हुए। मीटिंग में सोसाइटी के उपाध्यक्ष एवं डीएवी(पीजी) कॉलेज के प्राचार्य डॉ अजय सक्सेना ने इंटरनेशनल गुडविल सोसाइटी की स्थापना और उसके उद्देश्यों के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने बताया कि अंतरराष्ट्रीय न्यायालय हेग के प्रथम भारतीय चेयरमैन डॉ. नागेंद्र सिंह ने विश्व शांति, आपसी भाईचारा और आणविक हथियार मुक्त समाज के लिए इस सोसाइटी की स्थापना की थी। बद्री-केदार मंदिर समिति के सदस्य तथा सोसाइटी के उपाध्यक्ष श्री राकेश ऑबेरॉय ने कहा कि वर्तमान में इस सोसाइटी के केंद्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व रक्षा सचिव तथा वर्तमान में एच एन बी गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय के चांसलर डॉ. योगेंद्र नारायण जी के नेतृत्व में देहरादून चैप्टर सोसाइटी के उद्देश्यों की पूर्ति करने का भरसक प्रयास करेगा।
मीटिंग की अध्यक्षता करते हुए उत्तराखंड तकनीकी विश्वविद्यालय के कुलपति ने कहा कि पिछले तीन दशकों में समाज में जो बदलाव हुए है उसके मद्देनजर सोसाइटी के उद्देश्य और अधिक प्रासंगिक हो गए है। इस अवसर पर उत्तराखंड राज्य को प्रधानमंत्री द्वारा कृषि क्षेत्र का सर्वोच्च पुरुस्कार कृषि कर्मण पुरुस्कार प्रदान किये जाने के लिए इंटरनेशनल गुडविल सोसाइटी द्वारा सचिव कृषि एवं सहकारिता तथा सोसाइटी के देहरादून चैप्टर के अध्यक्ष डॉ. आर. मीनाक्षी सुंदरम को सम्मानित भी किया गया।
डॉ आर मीनाक्षी सुंदरम ने अपने व्यक्तव्य में कहा कि यहाँ उपस्थित सभी लोग अपने दायित्वों के निर्वहन के रूप में समाज को कुछ न कुछ दे रहे हैं लेकिन आज ज़रूरत है कि हम अपने दायित्वों से इतर अपना कुछ समय और ऊर्जा समाज को अर्पित करें। उन्होंने कहा कि यह सोसाइटी जिन बड़े उद्देश्यों की पूर्ति के लिए बनाई गई हैं, उसमें कुछ स्थानीय आवश्यकताओं को दृष्टिगत नए उद्देश्यों को भी जोड़ा जाए। उन्होंने कहा कि आज यहाँ बड़ी संख्या में शिक्षाविद उपस्थित हैं और मैं सचिव विद्यालयी शिक्षा भी हूँ तो हम मिलकर सरकारी स्कूलों के उन्नयन और वंचित वर्ग के बच्चों को बेहतर शिक्षा देकर उनके जीवन को ऊपर उठाने में सहायक सिद्ध हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि पूर्व में सोसाइटी के अधिकांश चैप्टर्स के अध्यक्ष जिलाधिकारी थे, जिलाधिकारी सरकार की सबसे महत्वपूर्ण और सबसे व्यस्त इकाई है। उनका सोसाइटी के लिए समय निकालना बेहद कठिन कार्य है। उन्होंने कहा कि अब जब पूरी सोसाइटी के चैप्टर्स का पुनर्गठन हो रहा है तो अब जिलाधिकारी संरक्षक की भूमिका में आयें और दूसरे लोग अध्यक्ष पद की कमान संभाले। डॉ. सुंदरम ने एकीकृत सहकारिता विकास परियोजना के तहत किसानों की आय को दुगुनी किये जाने के संबंध में लिए गए इनिशिएटिव और उपलब्धियों का ज़िक्र करते हुए कहा कि राज्य के गठन के बाद कभी प्राइमरी सैक्टर में काम ही नहीं हुआ और सरकार का सारा फोकस सर्विस एवं मैनुफेक्चरिंग सेक्टर पर रहा, लेकिन अब इस सेक्टर में गिरावट है। जबकि हम पलायन केवल प्राइमरी सेक्टर में ग्रोथ से ही रोक सकते है। उन्होंने बताया कि आज हमनें 500 हेक्टेअर ऐसी भूमि पर फ्लोरीकल्चर शुरू किया है जो बंज़र हो चुकी थी, कई वर्षों से वह ज़मीन खाली थी। उन्होंने बताया कि एकीकृत सहकारी विकास परियोजना की हर योजना में किसान हिस्सेदार है। मीटिंग का संचालन कुँवर राज अस्थाना ने किया और धन्यवाद ज्ञापन डॉ सुनील अग्रवाल ने दिया।
मीटिंग में राजीव वर्मा, राजा डोगरा, भूपत सिंह बिष्ट, प्रो पारुल दीक्षित, प्रो शिखा नागलिया, प्रो अंजुबाली पांडेय, प्रो अमित अग्रवाल, डॉ प्रेम कश्यप, श्री डीएस मान, डॉ सुनील अग्रवाल, डॉ आरएस गोयल, डॉ रमा गोयल, प्रो विशाल कौशिक, पवन पारस, प्रो नवीन सिंघल, प्रो ओनीमा शर्मा, सीए सपन गुप्ता, कर्नल जेएस नयाल, श्रीनिवास शर्मा, अरविंद गुप्ता, कर्नल विक्रम थापा, डॉ. पुनीत सक्सेना, डॉ सत्यम द्विवेदी, डॉ अमित शर्मा, डॉ अनूप मिश्रा, डॉ सोनू मिश्रा आदि बड़ी संख्या में बुद्धिजीवी उपस्तिथ थे।