DAV में नृत्य व संगीत का हुआ भव्य आयोजन, प्रस्तुतियों ने बांधा समां




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न्यूज 127.
डीएवी ​देहरादून में आयोजित अन्तर्सदन प्रतियोगिता में छात्र छात्राओं ने अपनी शानदार प्रस्तुति से कार्यक्रम को भव्य बना दिया। इस प्रतियोगिता में विद्यालय के चारों सदनों अलकनंदा, भागीरथी, मन्दाकिनी और सरस्वती ने बड़े उमंग, उत्साह पूर्वक भाग लिया।

कार्यक्रम का नाम तरंग रखा गया। जहाँ शब्द विफल हो जाते हैं, वहाँ संगीत बोलता है। यह बिल्कुल सत्य है। संगीत भावों की गहराई तक ले जाता है। लय और सामंजस्य आत्मा के आन्तरिक स्थानों में अपना रास्ता खोज ही लेता है। संगीत तो लय व‌ ताल की समझ को विकसित करने का द्योतक है।

कार्यक्रम का शुभारंभ प्राचार्या शालिनी समाधिया एवं निर्णायक मंडल के सदस्यों द्वारा दीप प्रज्वलन मंत्रों के साथ हुआ। इसके पश्चात् विभिन्न प्रतिस्पर्धाओं की श्रृंखला शुरू हुई। यह प्रतियोगिता तीन प्रमुख वर्गों में आयोजित की गई– नृत्य, वादन और गायन। सभी प्रतिभागियों ने अत्यंत लगन और आत्मविश्वास के साथ अपनी कला का प्रदर्शन किया।

प्रतियोगिता का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों में नेतृत्व क्षमता, सहयोग, अनुशासन और प्रतिस्पर्धा की भावना का विकास करना था, जिसमें यह आयोजन पूर्णतः सफल रहा। नृत्य प्रतियोगिता का विषय था “ऋतुओं की छटा”, जिसमें प्रतिभागियों ने वसंत, ग्रीष्म, वर्षा, और शीत ऋतुओं को मनोहारी नृत्य शैली में प्रस्तुत किया। रंग-बिरंगे परिधानों, भाव-भंगिमा और संगीत के अद्भुत समन्वय ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।

विशेष रूप से अलकनंदा सदन की प्रस्तुति वर्षा ऋतु पर आधारित थी, जिसने खूब तालियाँ बटोरी। बसंत ऋतु की प्रस्तुति पर मंदाकिनी सदन ने सबका मन मोह लिया। नृत्य प्रतियोगिता में अलकनन्दा प्रथम, मंदाकिनी द्वितीय व सरस्वती तृतीय स्थान पर रहा।

वादन प्रतियोगिता में विद्यार्थियों ने विभिन्न वाद्य यंत्रों के मधुर स्वर से सबके कानों में मानो मिश्री ही घोल दी। वादन यंत्रों की प्रतियोगिता में भी अलकनन्दा प्रथम, मंदाकिनी द्वितीय व भागीरथी सदन तृतीय स्थान पर रहा।

गीत-संगीत की इस प्रतियोगिता के निर्णायक के रूप में अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त गिटारिस्ट विक्टर जी, वेल्हम ब्वायज़ के संगीत शिक्षक अनुशील जी, नृत्य शिक्षिका के रूप में 19 वर्षों का अनुभव प्राप्त उत्तराखंड सांस्कृतिक विभाग की कलाकारा श्यामली नौरियाल जी तथा डीएवी विद्यालय के ही कला विभाग की वरिष्ठ अध्यापिका सुश्री नीता जोशी उपस्थित रही। सभी निर्णायक सदस्यों ने निष्पक्षता और कुशलता से परिणाम घोषित किए।

निर्णायकों ने सभी प्रस्तुतियों का मूल्यांकन संगीत की समझ, प्रस्तुति की मौलिकता और भाव-प्रवणता के आधार पर किया। सामूहिक गान (अंग्रेज़ी) प्रतियोगिता में प्रथम स्थान भागीरथी ने, द्वितीय स्थान मंदाकिनी ने और तृतीय स्थान अलकनंदा ने प्राप्त किया।