नवीन चौहान.
सीएम पुष्कर सिंह धामी के लिए अपनी चंपावत की सीट छोड़ने वाले पूर्व विधायक कैलाश गहतोड़ी दिल के बेहद अमीर है। दूसरों के लिए वह हमेशा आगे बढ़कर सहायता करते रहते हैं। सीएम के लिए अपनी सीट छोड़कर बड़े दिल का उदाहरण पेश करने वाले कैलाश गहतोड़ी का एक और मानवीय चेहरा सामने आया है।
कैलाश गहतोड़ी ने एक ऐसी बच्ची की मदद की जो गरीबी के चलते घोड़ा चलाने के लिए मजबूर हो गई थी। उसकी शिक्षा छूट गई थी, घर में पिता बीमार थे, ऐसे में कैलाश गहतोडी ने उसकी शिक्षा का जिम्मा उठाया। अब जब हाईस्कूल परीक्षा का परिणाम आया तो यह बच्ची 70 प्रतिशत अंक प्राप्त कर पास हुई।
पूर्व विधायक कैलाश गहतोड़ी ने इस खुशी को शेयर करते हुए लिखा है कि कितना संतोष मिलता है जब आपका का एक छोटा सा प्रयास किसी को एक नई दिशा दे देता है। शोभा बेटी ने 10वीं की परीक्षा में 70 फ़ीसदी नंबर लाकर ये साबित कर दिया कि पहाड़ जैसी मुश्किलें भी हमारी बेटियों के हौसले को तोड़ नहीं सकती।
आपको याद होगा कि ग़रीबी के चलते शोभा घोड़ा चलाने को मजबूर हो गई थी। पिता बीमार थे और घर चलाने के लिए पैसे तक नहीं थे। तब मैंने शोभा को एक पिता के रूप में ये विश्वास दिलाया था कि वो सारे काम छोड़कर सिर्फ़ अपना पढ़ाई पर ध्यान दे। आज शोभा ने अपनी ख़ुशी मुझसे साझा की तो मेरी ख़ुशी का ठिकाना नहीं रहा।
मैंने शोभा को विश्वास दिलाया है कि उसकी भविष्य की पढ़ाई में संसाधन कहीं आड़े नहीं आएंगे। मैं उसकी पढ़ाई का सारा खर्च वहन करूँगा। सच बताऊँ तो हमारा जीवन का ध्येय यहीं होना चाहिए। मेरा भी बस एक मात्र उद्देश्य है कि हमारा चम्पावत भी आगे बढ़े। हमारी बेटियां भी ख़ूब पढ़ लिखकर अपने पैरों पर खड़े हो जाएँ।