- पतंजलि भारत की प्राचीन संस्कृति, परम्परा के सरंक्षण व संवर्धन के क्षेत्र में बडे़ प्रयास कर रही है: आचार्य जी
नवीन चौहान.
हरिद्वार,उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्षा ऋतु खंडूरी आज पतंजलि योगपीठ पहुंची जहाँ पतंजलि योगपीठ के महामंत्री पूज्य आचार्य बालकृष्ण जी महाराज ने ऋतु खंडूरी को पुष्पगुच्छ एवं रुद्राक्ष माला भेंट कर भव्य स्वागत किया। तत्पश्चात पूज्य आचार्य जी महाराज तथा अध्यक्षा के मध्य प्रदेश एवं राष्ट्रीय मुद्दों पर गहन वार्ता हुई।
भेटवार्ता के दौरान विधानसभा अध्यक्षा ऋतु खंडूरी ने कहा कि कोटद्वार अब कण्वद्वार के नाम से जाना जायेगा। इसी क्रम में उन्होंने कहा कि भरत जन्मस्थली, क्रीड़ा स्थली, माता शकुन्तला की साधना स्थली, कालिदास की साहित्य रचना स्थली को अब उत्तराखंड सरकार एवं पतंजलि योगपीठ साथ मिलकर विश्व स्थली को भगवान सिद्धबली का क्षेत्र के रूप में विकसित करेंगे। अब श्रद्धालु कण्व नगरी को नमन करने चरक ऋषि की कर्मस्थली चरकडांडा पहुँचेंगे।
ऋतु खंडूरी भूषण ने पूज्य आचार्य बालकृष्ण जी महाराज से उक्त विषयों पर गम्भीर चर्चा व उक्त स्थानों के प्राचीन वैभव एवं भव्यता को पुनः प्रतिष्ठापित करने पर विचार विमर्श किया।
इस अवसर पर पूज्य आचार्य बालकृष्ण जी महाराज ने कहा कि पतंजलि भारत की प्राचीन संस्कृति, परम्परा के सरंक्षण व संवर्धन के क्षेत्र में बडे़ प्रयास कर रही है। पतंजलि उत्तराखंड सरकार के साथ मिलकर कोटद्वार को सिद्धबली के क्षेत्र कण्वद्वार के रूप में विकसित करने का बड़ा कार्य करेंगी तथा भारत के प्राचीन वैभव को पुनः प्रतिष्ठापित करेंगी।
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री व अध्यक्षा के पिता भुवन चंद्र खंडूरी का पतंजलि से अनन्य प्रेम रहा है। उत्तराखंड के चहुमुखी विकास में उनका बड़ा योगदान रहा है। ऋतु खंडूरी भी अपने पिता जी की तरह निर्भीक व यशस्वी नेत्री हैं। आचार्य जी ने आशा जतायी कि उत्तराखंड के विकास में श्रीमति खंडूरी का अहम योगदान रहेगा। ऋतु खंडूरी ने पतंजलि योगपीठ स्थित विविध प्रकल्पों का भ्रमण कर पतंजलि की सेवापरक गतिविधियों का जायजा लिया।