कोविड गाइड लाइन को भूल लापरवाह हुए लोग, नौनिहालों पर संकट




नवीन चौहान.
कोरोना अभी गया नहीं है। पिछले कुछ दिनों से कोरोना संक्रमण के मामले में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। राहत की बात यही है कि उत्तराखंड में अभी कोरोना संक्रमण बढ़ती नहीं दिख रही है, लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि यहां कोरोना पूरी तरह से समाप्त हो गया है।

देखने में आया है कि इस बार कोरोना का हमला बच्चों पर अधिक हो रहा है। संक्रमण की चपेट में नोएडा में बड़ी संख्या में एक स्कूल में बच्चे संक्रमित मिले हैं। इससे साफ जाहिर हो रहा है कि इस बार कोरोना बच्चों को अपनी चपेट में अधिक लेगा। इसीलिए हमें अपने बच्चों को कोरोना से बचाने के लिए कोविड नियमों का पालन करना होगा।

कोरोना संक्रमण कम होने से लोगों ने मास्क लगाना पूरी तरह से बंद कर दिया है। सैनेटाइजर का इस्तेमाल भी बंद कर दिया गया है। इससे स्वास्थ्य विभाग की चिंता अधिक बढ़ रही है। स्कूलों की यदि बात करें तो जनपद के दो चार स्कूलों को छोड़कर किसी में भी कोविड नियमों का पालन नहीं कराया जा रहा है। कोविड हेल्प डेस्क भी लगभग गायब हो गई हैं।

ऐसे में कोरोना प्रसार का खतरा अधिक बढ़ रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि हमें स्वयं ही कारेोना से बचाव के लिए जागरूक होना होगा। जो पात्र बच्चे हैं उन्हें कोविड वैक्सीन लगवाकर सुरिक्षत किया जा सकता है। स्कूल जाने वाले बच्चों को मास्क लगाकर स्कूल भेजना चाहिए, ताकि बच्चे संक्रमण से बच सके।

खांसी जुकाम या बुखार आदि के लक्षण दिखायी देने पर तुरंत बच्चे के स्वास्थ्य की जांच करानी चाहिए। जब तक उसको आराम न लगे डॉक्टर की सलाह से उसे घर पर ही रखना चाहिए। ऐसा करने से दूसरे बच्चे में इंफेक्शन का खतरा कम हो जाएगा। इसीलिए एक जिम्मेदार ना​गरिक होने के नाते हमें स्वयं ही जागरूक होना होगा।



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