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पंजाब के एक गांव में उत्तराखंड के एक युवक को पिछले 15 साल से बंधुवा मजदूर बनाकर काम कराया जा रहा था। उसे तबेले का मालिक किसी से मिलने नहीं देता था। आए दिन उसके साथ मारपीट करता था। इस युवक को छुड़वानें में एक एनजीओ ने महत्वपूर्ण भूमिका निभायी। जिसके बाद उत्तराखंड सरकार भी हरकत में आयी। पंजाब के राज्यपाल ने भी मामला संज्ञान में आने पर तत्काल कार्रवाई करने के निर्देश दिये, जिसके बाद युवक को सकुशल छुड़वाकर परिजनों से मिलवाया गया।
बहन जब अपने भाई से मिली तो उसकी आंखों में आंसू आ गए। मां भी बेटे को गले लगाकर खूब रोई। जानकारी के अनुसार पंजाब के तरनतारन जनपद में भैंसों के तबेले में पिछले 15 सालों से बंधक राजेश लाल को एक एनजीओ ने नया जीवन दे दिया। दरअसल 2008 में नारायणबगड़ के कौब गाँव का राजेश लाल नौकरी की तलाश में पंजाब गया था। वहां उसे एक व्यक्ति ने भैंसों के तबेले की देख रेख के लिए रख लिया। आरोप है कि यहां तबेले का मालिक राजेश का उत्पीड़न करने लगा। एक दिन किसी तरह राजेश का एनजीओ की टीम से संपर्क हुआ जिन्हें उसने अपनी आपबीती बतायी। एनजीओ ने राजेश की वीडियो वायरल कर दी। इस वायरल वीडियो का उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने लिया और जिलाधिकारी चमोली को राजेश को बंधन मुक्त कराने के लिए उसके परिवार की हर संभव मदद करने के लिए कहा। जिसके बाद थराली तहसील की टीम भी राजेश के घर पहुंची।
मुख्यमंत्री के निर्देश पर जिलाधिकारी चमोली ने पंजाब के तरनतारन जनपद के जिलाधिकारी से संपर्क कर राजेश की हर संभव मदद की बात कही है। जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने बताया कि पंजाब के नवा शहर में निवास कर रही राजेश की बहन से भी संपर्क कर हर संभव मदद के लिए आश्वस्त किया है। साथ उन्होंने बताया कि उत्पीड़न करने वाले तबेला संचालक के विरुद्ध तरनतारन थाने में प्राथमिकी दर्ज करवाई गई है। पंजाब के राज्यपाल ने भी इस घटना का संज्ञान लिया और पंजाब के अधिकारियों को तुरंत उचित कार्रवाई के निर्देश दिये। इस सब प्रयासों के बाद राजेश को तबेले से मुक्ति मिली और वह 15 साल बाद अपने परिवार से मिला।
भैंसों के तबले में बंधुवा मजदूर बना था राजेश, कैछ से छूटा तो मिलकर भावुक हो गई मां और बहन


