मौनी अमावस्या स्नान पर 3.76 लाख श्रद्धालुओं को लगाई डुबकी, नियम तोड़ने पर 969 का किया चालान




नवीन चौहान
मौनी अमावस्या स्नान पर्व के अवसर पर देश के कौने-कौने से आए करीब 03 लाख 76 हजार श्रद्धालुओं ने हर की पैड़ी सहित कुंभ क्षेत्र के अन्य समस्त घाटों पर पवित्र डुबकी लगाकर पुण्यलाभ अर्जित किया गया। संपूर्ण मेला क्षेत्र में मेले के दौरान कोविड संबंधित गाइड लाइन का पालन न करने वाले लगभग 969 लोगों का चालान भी किया गया।
कुम्भ मेला पुलिस 10 फरवरी की शाम से ही अपनी ड्यूटी पर तैनात हो गई थी। यद्यपि इस स्नान पर्व पर श्रद्धालुओं की संख्या में कोरोना संक्रमण और चमोली में हुई ग्लेशियर खिसकने की घटना का काफी प्रभाव परिलक्षित हुआ। परन्तु फिर भी रात्रि 1200 बजे के बाद से ही हर की पैड़ी एवं अन्य घाटों पर स्नानार्थियों का आवागमन शुरू हो गया था। प्रातः काल में सूर्योदय के साथ जैसे-जैसे मौसम में साफ खिली धूप के कारण गर्माहट बढ़ती गई वैसे-वैसे ही मेला क्षेत्र के होटल, धर्मशालाओं, लॉज, आश्रमों में ठहरे हुए श्रद्धालु और स्थानीय लोग गंगा स्नान के लिये घाटों पर पहुंचने लगे। देर रात से ही हरिद्वार सीमा में भी वाहनों के आने की दर में लगातार वृद्धि होने लगी और चमगादड़ टापू और पावनधाम की वाहन पार्किंग वाहनों से भरने लगी। यातायात एवं पार्किंग ड्यूटी पर तैनात पुलिस बल द्वारा यातायात योजना और उच्चाधिकारीगण के निर्देशों के अनुसार ही वाहनों को निर्धारित चमगादड़ टापू और पावन धाम पार्किंग तक पहुंचाया गया।
घाटों, गलियों तथा पैदल मार्ग पर लगे पुलिस बल द्वारा पैदल यातायात व्यवस्था का पालन सुनिश्चित कराते हुए स्नानार्थियों को स्नान घाटों तक पहुंचने में सहायता की गई। घाटों पर तैनात पुलिस बल द्वारा ’03 डुबकी-01 स्नान’ सूत्र वाक्य को ध्यान में रखते हुए घाटों को लगातार खाली कराया जाता रहा और नए आने वाले स्नानार्थियों के लिये स्थान बनाया जाता रहा।
सम्पूर्ण मेला क्षेत्र में मेले के दौरान कोविड सम्बंधित गाइड लाइन का पालन न करने वाले लगभग 969 लोगों का चालान भी किया गया। अभिसूचना विभाग के अधिकारी कर्मचारीगण के द्वारा मेला क्षेत्र में बादस्तुर सतर्क दृष्टि रखी गई और संदिग्ध वस्तुध्व्यक्तियों की चैकिग-फ्रिस्किंग की कार्रवाई की जाती रही। उत्तराखंड आतंकवाद निरोधक दस्ते, उत्तराखंड पीएसी एवं केंद्रीय अर्धसैनिक बल के जवान भी किसी भी विपरीत परिस्थिति से निबटने के लिये अपनी-अपनी जगहों पर सतर्क रहे। अग्निशमन विभाग की सभी 15 टीमें हरिद्वार और 05 टीमें ऋषिकेश में पूरी तैयारी के साथ निर्धारित स्थलों पर अग्निशामक उपकरणों और फायर टेंडर सहित किसी भी आपात स्थिति के लिये तैयार रहे। घुड़सवार पुलिस दस्ते के जवान शांति व्यवस्था बनाये रखने हेतु लगातार गश्त करते रहे। जल पुलिस, एसडीआरएफ और आपदा राहत दल की सम्मिलित टीमें 06 स्थानों 1. हर की पैड़ी, 2. भूमा निकेतन, 3. प्रेमनगर आश्रम, 4. जटवाड़ा पुल और 5. नमामि गंगे घाट चंडी घाट, 06. ऋषिकेश क्षेत्र में स्थित घाटों पर स्नान करते लोगों को लगातार सतर्क करते हुए निगरानी करती रही, जिस कारण श्रद्धालुओं के डूबने की कोई घटना नही हुई।
बम निरोधक दस्ते की 07 टीमें अपने स्निफर डॉग्स एवं बम निरोधक उपकरणों के साथ नियमित अंतराल पर हर की पैड़ी एवं आस-पास के संवेदनशील क्षेत्रों में गहन रूप से एन्टीसेबोटाज चेक की कार्रवाई करती रही।
संपूर्ण स्नान पर्व के दौरान मेला नियंत्रण भवन में संचार पुलिस बल के अधिकारी-कर्मचारीगण द्वारा अपने सम्मिलित प्रयासों से निर्बाध रेडियो संचार व्यवस्था संचालित की गई। रेडियो संचार व्यवस्था के निर्विघ्न संचालन के लिए नियंत्रण भवन में ट्रैफिक ग्रिड सहित 05 संचार ग्रिडों की स्थापना की गई थी।
रेडियो संचार व्यवस्था के अतिरिक्त संचार पुलिस बल के द्वारा 1150 निजी संस्थागत कैमरों एवं 96 पुलिस कैमरों के माध्यम से सम्पूर्ण मेला क्षेत्र में सतर्क दृष्टि रखी गई।
पुलिस महानिरीक्षक संजय गुंज्याल देर रात्रि स्नान प्रारंभ होने के साथ ही प्रमुख स्नान घाटों पर स्नानार्थियों की संख्या, चमगादड़ टापू पार्किंग में वाहनों की संख्या एवं यातायात स्तिथि की जानकारी सम्बंधित जोनल तथा सेक्टर प्रभारियों से प्राप्त की जाती रही।
आईजी कुम्भ एवं जन्मजेय खंडूरी वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कुम्भ मेला 2021 के द्वारा सम्मिलित रूप से हर की पैड़ी, अपर रोड, मुख्य बाजारों, भीमगोडा, चमगादड़ टापू पार्किंग आदि का स्थलीय भृमण कर ड्यूटी पर तैनात पुलिस बल का मार्गदर्शन कर उनका उत्साहवर्धन भी किया गया। इसके पश्चात आईजी कुम्भ स्वयं मेला नियंत्रण भवन स्थित कंट्रोल रूम में जाकर हर की पैड़ी सहित अन्य घाटों, प्रमुख मार्गों और चमगादड़ टापू पार्किंग की स्थिति को ब्ब्ज्ट कैमरों के माध्यम से देखते रहे और स्थलीय ड्यूटी पर तैनात पुलिस अधिकारीगण से लगातार संपर्क कायम कर उन्हें समय-समय पर परिस्तिथी अनुसार यथोचित दिशा-निर्देश देते रहे।



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