नवीन चौहान
सर्दी के मौसम में कोरोना संक्रमण अपने खतरनाक तैवरों के साथ बाहर आ रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने भी कोरोना के बढ़ते प्रकोप पर चिंता जाहिर की है। उन्होंने जनता को कोरोना संक्रमण से बचने के लिए सजग किया है और खुद भी दस दिनों तक सार्वजनिक गतिविधियों का कम करने का निर्णय लिया है।
ऐसे में राज्य सरकार के कार्तिक पूर्णिमा स्नान पर्व को स्थगित करने का निर्णय जनहित में सराहनीय कदम है। पूर्व सीएम हरीश रावत भी मान चुके है। उन्होंने लिखा है कि उत्तराखंड में शीत का प्रकोप बढ़ रहा है और ये समय कोरोना संक्रमण के लिए बहुत खतरनाक है। मैं नहीं जानता उत्तराखंड में ये कौन सी लहर है कोरोना वायरस की, मगर इस लहर के खत्म होने तक या कमजोर पड़ने तक बहुत सावधानी बरतने की आवश्यकता है और एक बात मैं अपने कई दोस्तों से कहना चाहता हूं कि जिनको एक बार कोरोना संक्रमण हो गया है, यह मानना गलत है कि उनको दूसरी बार नहीं होगा, बल्कि यदि दूसरी बार संक्रमण होता है तो बहुत घातक हो रहा है, इसलिए वो लोग विशेष तौर पर सावधान रहें। मैंने भी अगले 10 दिन अपनी सार्वजनिक गतिविधियों को कम करने का निर्णय लिया है।
बताते चले कि राज्य सरकार के निर्देशों पर हरिद्वार जिला प्रशासन ने कार्तिक पूर्णिमा स्नान पर्व को स्थगित किया है। जिलाधिकारी सी रविशंकर हरिद्वार की जनता को कोरोना संक्रमण से सुरक्षित बचाने के लिए स्नानार्थियों को हरिद्वार आने से रोकने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहे है। पुलिस बार्डर पर स्नान पर्व स्थगित होने का संदेश प्रचारित कर रही है। लेकिन कुछ लोग जनता में भ्रम की स्थिति उत्पन्न करने में लगे है। मेयर पति अशोक शर्मा ने इस कोरोना संक्रमण काल में राज्य सरकार के निर्णय पर सियासी अंदाज दिखाए और कारोबार चौपट होने का हवाला देते हुए स्नानार्थियों को हरिद्वार आमंत्रित कर दिया। जबकि कांग्रेस के ही पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत कोरोना संक्रमण की गंभीरता को समझते हुए सरकार के तमाम प्रयासों की सराहना कर रहे है।