नवीन चौहान.
प्रदेश में भ्रष्ट और नकारा कर्मचारियों की जल्द ही छंटनी होगी। इस संबंध में डीजीपी मुख्यालय ने सभी जिलों के कप्तानों को यह आदेश भेज दिये हैं। अधिकारियों को ऐसे पुलिस कर्मचारियों की स्क्रैनिंग करने के निर्देश दिये गए हैं।
उत्तर प्रदेश के एडीजी स्थापना संजय सिंघल ने इस संबंध में निर्देश जारी किये हैं। जिसके बाद डीजीपी मुख्यालय ने सभी जिलों में नकारा पुलिसकर्मियों की स्क्रीनिंग किये जाने का निर्देश दिया है। इस पत्र में 26 अक्टूबर, 1985 से लेकर छह जुलाई, 2017 तक के कई शासनादेशों का हवाला भी दिया गया है और पहले की तरह कार्रवाई करने का आदेश दिया गया है।
बताया जा रहा है कि 50 वर्ष व उससे अधिक आयु के दागी पुलिसकर्मियों को अनिवार्य सेवानिवृत्त देने के लिए स्क्रीनिंग शुरू करने का आदेश दिया गया है। 30 नवंबर तक स्क्रीनिंग का ब्योरा डीजीपी मुख्यालय भेजने का निर्देश दिया गया है।
योगी सरकार की जीरो टालरेंस की नीति के तहत पहले भी दागी पुलिसकर्मियों को बाहर का रास्ता दिखाया जा चुका है। बीते दिनों तीन आइपीएस अधिकारियों को भी अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी गई थी।
बतादें, पुलिसकर्मियों के प्रदर्शन और योग्यता के लिए हर साल उनकी एसीआर बनाई जाती है। उत्तर प्रदेश में कर्मचारियों की भर्ती नियमावली के नियम 56 ग के तहत कर्मचारियों की उपयुक्तता को उसका नियुक्ति अधिकारी तय करता है और एक स्क्रीनिंग कमेटी बनाकर अनुपयुक्त और अयोग्य कर्मचारियों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति किया जाता है।