काजल राजपूत.
उत्तराखंड की राजनीति में त्रिवेंद्र सिंह रावत बड़ा नाम है। उत्तराखंड में चार साल तक मुख्यमंत्री के पद पर कार्य करने के दौरान नीति से राज करने की उपलब्धि है। प्रदेश के मुखिया की कुर्सी पर विराजमान होने के बाद ईमानदारी से सत्ता चलाने का खिताब उनके पास है। जनता का मर्म समझने का अनुभव है। राजनीति के क्षेत्र में रहते हुए एक समाजसेवी के तौर पर कार्य करना उनकी शैली है। स्पष्टवक्ता होने के साथ ही राजनीति के छलकपटियों से निबटने का दम रखते है। पेड़ पौधों और पशु प्रेमी है। फिलहाल हरिद्वार लोकसभा के सांसद के तौर पर हरिद्वार को दिव्यता भव्यता प्रदान करने और पिछड़े इलाकों का समुचित विकास करने की चुनौती है।
त्रिवेंद्र सिंह रावत ने राष्ट्रीय स्वयं सेवक के रूप में कार्य करते हुए समाजसेवी के रूप में अपनी पहचान बनाने में कामयाब हासिल की। संघ की पाठशाला में अध्ययन करने के बाद एक प्रचारक के तौर पर सक्रिय रहे और जनता की तमाम समस्याओं को नजदीक से देखा। संघ के तमाम पदों पर रहकर अपने दायित्वों का निर्वहन किया। भाजपा में केबिनेट मंत्री बने तो कृषि के क्षेत्र में खुद को साबित किया। प्रदेश के मुख्यमंत्री बने बातें कम काम ज्यादा के स्लोगन के साथ विकासकारी योजनाओं को हरी झंडी दिखाने में देरी नही की। अटल आयुष्मान योजना से लेकर प्रदेश पुलिस से भ्रष्टाचार दूर करने की पहल करते हुए थाना निधि के लिए फंड देने की व्यवस्था की शुरूआत की। महिलाओं की आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाने और उनके जीवन में ऊर्जा का संचार करने के लिए स्वयं सहायता समूह के माध्यम से रोजगार की व्यवस्था बनाई।
त्रिवेंद्र सिंह रावत की छवि एक राजनेता से ज्यादा समाजसेवी के रूप में जनता को दिखाई दिए। राजनीति के क्षेत्र में रहते हुए भी ईमानदारी के आयाम स्थापित करते दिखाई दिए। प्रदेश के विकास के लिए चिंतनशील रहे। त्रिवेंद्र सिंह रावत एक बार फिर सांसद के रूप में नई पारी की शुरूआत कर रहे है। उनकी सरलता उनको राजनैतिक नुकसान तक पहुंचा देती है। जिसके चलते वह एक बार हिट विकेट हो चुके हैं। हालांकि त्रिवेंद्र सिंह रावत राजनीति को महज समाजसेवा का एक माध्यम समझते है। संगठन के लोगों पर पूरा भरोसा करते है। संगठन की सेवा में समर्पित है। ऐसे में नफा नुकसान की कोई ज्यादा चिंता नहीं करते। लोगों का कहना है कि त्रिवेंद्र सिंह रावत जैसे आदर्श व्यक्तित्व का राजनीति में होना गरीब जनता के कल्याणकारी होता है।