नवीन चौहान
श्यामपुर थाना क्षेत्र में एक व्यक्ति की हत्या कर साक्ष्य छुपाने वालें को तृतीय अपर सत्र न्यायाधीश भारत भूषण पांडेय ने आजीवन कारावास एवं 15 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। न्यायालय ने साक्ष्य छुपाने के मामले मेंं एक अन्य अभियुक्त को 3 वर्ष की कठोर कैद तथा 5 हजार रुपए जुर्माने की सजा दी है जबकि दो आरोपियों को दोषमुक्त कर दिया है।
शासकीय अधिवक्ता कुशलपाल सिंह चौहान ने बताया कि 26 फरवरी 2014 को नई बस्ती, मोहलापुरी, श्यामपुर निवासी खेम सिंह ने श्यामपुर थाना पर एक मुकदमा दर्ज कराया था जिसमें उसने कहा था कि उसका भाई छांगा ग्राम मीठी बेरी निवासी जगपाल सिंह पुत्र बलजीत सिंह के यहां काम करता है। उसका भाई 25 फरवरी 2014 को काम करने के लिए सुबह घर से निकला था परंतु वापस नहीं पहुंचा। 26 फरवरी 2014 को सुबह मीठी बेरी निवासी हरदेव सिंह ने खेम सिंह को फोन पर बताया है कि मीठी बेरी कोठी के सामने रवासन नदी के किनारे उसके भाई छांगा की लाश पड़ी है। खेम सिंह ने मौके पर पहुंचकर देखा तो उसके भाई की लाश नदी के किनारे पड़ी हुई थी। उसका सिर पत्थरों से कुचला हुआ था। पुलिस ने जांच के बाद आरोपियों नरेंद्र उर्फ निंदर पुत्र कुलदीप, जगतार पुत्र बलजीत, बलराज पुत्र हरवीर निवासी गण मीठी बेरी थाना श्यामपुर तथा जागीर पुत्र बलजीत हाल निवासी कटेवड लालढांग ग्राम श्यामपुर के चलाओ आरोप पत्र न्यायालय में भेजा था।
जिसमें मृतक के नरेंद्र की पत्नी से अवैध संबंध होने के कारण आरोपियों द्वारा आपस में षड्यंत्र रच कर उसकी हत्या करना पाया गया था। मुकदमे में वादी पक्ष की ओर से 13 गवाहों तथा बचाव पक्ष की ओर से एक गवाह का बयान कराया गया। दोनों पक्षों को सुनने तथा साक्ष्यों के आधार पर न्यायालय ने आरोपी नरेंद्र को छंगा की हत्या करने और साक्ष्य छुपाने का दोषी पाते उसे कठोर आजीवन कारावास व 15000 रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। आरोपी जगतार को साक्ष्य छुपाने का दोषी पाते हुए उसे 3 वर्ष की कठोर कैद एवं 5000 रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। दो अन्य आरोपियों बलराज एवं जागीर को न्यायालय ने षड्यंत्र रच कर हत्या करने के आरोप से बरी कर दिया है।