जोगेंद्र मावी
खराब मोबाइल ठीक करके नहीं देने के मामले में जिला उपभोक्ता आयोग ने मोबाइल कम्पनी सैमसंग इंडिया, स्थानीय डीलर व सर्विस सेंटर को उपभोक्ता सेवा में कमी व लापरवाही बरतने का दोषी पाया है। आयोग ने तीनों को मोबाइल की कीमत साढ़े 13 हजार रुपये, क्षतिपूर्ति के रूप में साढ़े पांच लाख रुपये व शिकायत खर्च और अधिवक्ता फीस के रूप में पांच हजार रुपये शिकायतकर्ता महिला को अदा करने के आदेश दिए हैं।
शिकायतकर्ता दीक्षा सिंह पत्नी नीरज निवासी त्रिमूर्ति नगर सुभाषनगर, ज्वालापुर ने स्थानीय डीलर गोल्डन इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन शिवालिकनगर रानीपुर, मोबाइल कम्पनी सैमसंग इंडिया इलेक्ट्रॉनिक्स प्राइवेट लिमिटेड नई दिल्ली व स्थानीय सर्विस सेंटर न्यू अंबा कम्युनिकेशन शंकर आश्रम ज्वालापुर के खिलाफ एक शिकायत दर्ज कराई थी।
बताया था कि उसने एक सितंबर 2016 में स्थानीय डीलर से कम्पनी निर्मित एक मोबाइल सैट साढ़े 13 हजार रुपये में खरीदा था। डीलर ने उसे उक्त सैट की एक साल की वारंटी व गारण्टी दी थी। यही नहीं, डीलर ने कोई खराबी आने पर उक्त मोबाइल की कीमत लौटाने व नया सैट देने का आश्वासन दिया था। करीब छह महीने के बाद उक्त सैट में हैंग,स्वयं बंद होना,दोबारा चालू करने पर आवाज नही आना, सही से बात नही होने व खुद ही बंद होने की समस्या पैदा हो गई थी। शिकायतकर्ता उक्त खराब सैट को ठीक कराने के लिए सर्विस सेंटर पर ले गई थी।जहां सर्विस सेंटर ने उक्त सैट में निर्माणाधीन कमी बताते हुए ठीक होने से इंकार कर दिया था। सर्विस सेंटर ने जॉबशीट देने से इंकार करते हुए मोबाइल सैट को भी लौटा दिया था।
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स्थानीय डीलर समेत सभी से मोबाइल ठीक नही करने नया मोबाइल अथवा उसकी कीमत वापिस मांगी थी।लेकिन सभी ने कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया था। थक हारकर शिकायतकर्ता महिला ने तीनों के खिलाफ आयोग में शरण ली थी। मामले की सुनवाई करने के बाद आयोग अध्यक्ष कंवर सैन व सदस्य अंजना चड्ढा ने तीनों को उपभोक्ता सेवा में कमी व लापरवाही बरतने का दोषी ठहराया है।