नवीन चौहान.
कांग्रेस दावा कर रही है कि इस बार प्रदेश में उनकी सरकार बनेगी। सरकार बनने के बाद पार्टी का सीएम चेहरा कौन होगा इस पर अभी पत्ते नहीं खुले हैं। पूर्व सीएम हरीश रावत ने एक बयान में कहा था कि या तो वह मुख्यमंत्री होंगे अन्यथा कुछ नहीं। उनके इस बयान के बाद पार्टी पदाधिकारियों का बयान आया था कि सीएम कौन होगा इसका फैसला हाईकमान करेगा।
हरीश रावत ने दो दिन बाद खुद भी अपने बयान से बचाव करते हुए कहा थाकि पार्टी का सीएम कौन होगा यह पार्टी हाईकमान ही करेगी। ऐसे में अब सवाल उठ रहा है कि यदि कांग्रेस की सरकार आती है तो सीएम कौन होगा। जैसा की लोगों में चर्चा है कि यदि कांग्रेस की सरकार आती है तो सीएम चेहरे में पहला नाम हरीश रावत का ही होगा, लेकिन प्रीतम और प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल भी सीएम पद की दौड़ में शामिल बताए जा रहे हैं।
चर्चा है कि प्रीतम सीएम पद की दौड़ में आगे बने है। वह पूर्व प्रदेश अध्यक्ष भी रहे और नेता प्रतिपक्ष की भूमिका भी बखूबी निभायी। ऐसे में यदि हरीश रावत के नाम पर सहमति नहीं बनती तो उन्हें सीएम बनाया जा सकता है। वहीं दूसरी ओर ये कहा जा रहा है कि हरीश रावत नहीं चाहेंगे कि प्रीतम सीएम बने, ऐसे में एक बार फिर से पार्टी में विरोध के स्वर फूटेंगे।
इसका फायदा बाद में वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल को मिल सकता है। सूत्रों की मानें तो यदि हरीश रावत और प्रीतम में से किसी एक के नाम पर सहमति नहीं बनती है तो फिर इसका सीधा फायदा गणेश गोदियाल को होगा। यदि ऐसा हुआ तो गणेश गोदियाल की लॉटरी निकल जाएगी। बताया यही जा रहा है कि गणेश गोदियाल भी अपनी जोड़ तोड़ में जुटे हैं।
ये बात रही कुर्सी की, लेकिन इससे पहले हमें 10 मार्च का इंतजार करना होगा। 10 मार्च को चुनाव परिणाम किसके पक्ष में आते हैं यह तय होने पर ही कुर्सी की दौड़ शुरू होगी।