नवीन चौहान.
बेटे के दो जन्मप्रमाण पत्र मामले में आजम खां को सेशन कोर्ट से भी राहत नहीं मिली है। कोर्ट ने निचली अदालत के फैसले को बरकार रखा है। बतादें जन्म प्रमाणपत्र मामले में आजम खां, अब्दुल्ला और उनकी पत्नी तजीन फात्मा को सात-सात साल की सजा सुनाई गई है।
सजा के खिलाफ आजम खां ने सेशन कोर्ट में अपील की थी। इसकी सुनवाई करते हुए कोर्ट ने निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखा है। कोर्ट ने कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा कि सपा नेता आजम खां नौ बार के विधायक और प्रदेश सरकार में मंत्री रहे हैं। अब्दुल्ला आजम भी विधायक और डाॅ. तजीन फात्मा प्रोफेसर और राज्यसभा की सदस्य रही हैं। ऐसे लोगों से गलत काम करने की उम्मीद नहीं की जा सकती। इसलिए निचली अदालत का फैसला बरकरार रहेगा।