नवीन चौहान.
एक मुकदमे में रेप की धारा हटाने के नाम पर एक फौजी से एक लाख रूपये की रिश्वत मांगने के मामले में एसएसपी ने महिला थाना प्रभारी और विवेचना कर रही महिला दरोगा को सस्पेंड कर दिया है।
एसएसपी मेरठ प्रभाकर चौधरी ने पूरे प्रकरण की जांच एसपी देहात को सौंपी थी। जांच में प्रथम दृष्टया आरोप की पुष्टि होने पर यह कार्रवाई की गई है। इसके अलावा दोनों के खिलाफ भ्रष्टाचार का मुकदमा दर्ज कराने के भी निर्देश दिये गए हैं।
इंस्पेक्टर महिला थाना मोनिका जिन्दल एवं दारोगा रीतू काजला के विरुद्ध महिला थाने पर पंजीकृत मु0अ0सं0 16/22 में अभियुक्त का नाम निकाले जाने के नाम पर पैसों के लेनदेन सम्बन्धी शिकायत की जाचोंपरान्त आरोप प्रमाणित होने की दशा में गम्भीर कदाचार एवं पुलिस जैसे अनुशासित बल में रहते हुए अशोभनीय कृत्य किये जाने की दृष्टिगत उ0प्र0 अधीनस्थ श्रेणी के पुलिस अधिकारियों की (दण्ड़ एवं अपील) नियमावली-1991 के नियम 17(1)(क) के प्राविधानों के अन्तर्गत मोनिका जिन्दल, थानाध्यक्ष महिला थाना एवं उ0नि0 ना0पु0 रीतू काजला को तत्काल प्रभाव से निलम्बित करते हुए इनके विरूद्ध विभागीय कार्यवाही आसन्न (Contemplated) है। साथ ही उक्त सम्बन्ध में इनके विरूद्ध नियमानुसार अभियोग पंजीकृत किये जाने के आदेश भी निर्गत किये गये है।