अक्षिता रावत
डीएवी देहरादून के बच्चों ने महात्मा हंसराज जन्मोत्सव पर आयोजित समर्पण दिवस पर अपनी सांस्कृतिक और वैदिक ज्ञान प्रतिभा के टेलेंट से सभी को आकर्षित किया। बच्चों के भीतर छिपे इस टेलेंट को देखकर प्रधानाचार्य डॉ शालिनी समाधिया और तमाम शिक्षिकाएं बेहद प्रफुल्लित नजर आई। उन्होंने बच्चों के साथ फोटो खिचाई और उनका उत्साहबर्धन किया। मंच पर उनकी प्रस्तुति बेहद ही मनमोहक और देशप्रेम से ओतप्रोत रही।
एक शिक्षक के लिए सबसे ज्यादा खुशी का पल तब होता है जब उनके बच्चे अपनी प्रतिभा को निखारते है और अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते है। शिक्षक को भी अपने पर गर्व महसूस होता और उनके चेहरे की खुशी देखने लायक होती है। अब चाहे परीक्षा का रिजल्ट हो, खेल का मैदान हो या सांस्कृतिक कार्यक्रमों के आयोजन में बच्चों की प्रस्तुति।
यही कारण है कि स्कूल अपने बच्चों को प्रारंभिक शिक्षा से ही संगीत, नृत्य, खेलकूद और पढ़ाई की सभी विद्याओं में निपुण करते है। जब परीक्षा की घड़ी आती है तो प्रधानाचार्य और शिक्षक बच्चों का मनोबल बढ़ाते है और सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने के लिए प्रेरित करते है। ऐसा ही डीएवी देहरादून की प्रधानाचार्य डॉ शालिनी समाधिया ने किया। उन्होंने हरिद्वार डीएवी सेंटेनरी स्कूल पहुंचने पर आयोजन में हिस्सा लेने वाले सभी बच्चों का मनोबल बढ़ाया और उनका उत्साहबर्धन किया। प्रधानाचार्य से मिले आशीर्वाद ने बच्चों को शानदार प्रस्तुति देने के लिए प्रेरित किया। कार्यक्रम के समापन के बाद भी प्रधानाचार्य डॉ शालिनी समाधिया ने सभी बच्चों की पीठ थपथपाई और जीवन में आगे बढने के लिए चरैवेति—चरैवेति का आशीर्वाद दिया।