MRP से अधिक दामों में शराब बेची तो लाइसेंस होगा निरस्त




नवीन चौहान.
प्रदेश की नई आबकारी नीति में अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) से अधिक दाम पर शराब बेचने वालों के लाइसेंस सस्पेंड करने का प्रावधान किया गया है। डिपार्टमेंटल स्टोर अब केवल अपने जिले की शराब की दुकान से ही शराब ले सकेंगे।

शराब की दुकानों पर ओवर रेटिंग रोकने के लिए नई आबकारी नीति में खास प्रावधान किया गया है। नई नीति के तहत अगर किसी दुकान की पांच बार एमआरपी से अधिक वसूली की शिकायत आई तो उसका लाइसेंस सस्पेंड कर दिया जाएगा।

इसके अलावा यह भी तय किया गया कि देशी मदिरा के पव्वे कांच के बजाए अब टेट्रा पैक में मिलेगा ताकि मिलावट रोकी जा सके। सरकार ने डिपार्टमेंटल स्टोर के लाइसेंस का शुल्क पहाड़ों में आठ लाख रुपए और मैदानी जिलों में आठ से बढ़ाकर 15 लाख रुपए कर दिया है।

राज्य में डिपार्टमेंटल स्टोर अब अपने जिले में स्थित शराब ठेके से ही शराब ले सकेंगे, जिससे उनकी मनमानी पर लगाम लगेगी। नई नीति में दैवीय आपदा या धरना प्रदर्शन के दौरान बंद रहने वाली दुकान का जिलाधिकारी की रिपोर्ट के आधार पर उस अवधि का राजस्व माफ करने का प्रावधान किया गया है।



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