हरकी पैड़ी पर गंगा पूजन के साथ हुआ श्रीराम जन्मभूमि समर्पण निधि अभियान का शुभारंभ




नवीन चौहान
श्रीराम जन्मभूमि समर्पण निधि अभियान का शुभारंभ हरकी पैड़ी पर गंगा पूजन करके हुआ। श्री राम मंदिर तीर्थ क्षेत्र न्यास के महामंत्री चंपत राय ने कहा कि अयोध्या में श्री राम का मंदिर हिन्दू भावनाओं का मंदिर है। मन्दिर के पुनः निर्माण के लिए लाखों लोगों ने अपने प्राणों का बलिदान दिया। कई पीढियां इस सपने को देखते देखते दुनिया से चली गई। 492 वर्षो के संघर्ष के बाद अब यह मौका आया है जब भगवान राम का भव्य मंदिर अयोध्या में बनने जा रहा है। मन्दिर निर्माण में प्रत्येक हिन्दू का सहयोग हो समर्पण हो, इसके लिए राम भक्तो को टोलियां घर घर जाकर समर्पण निधि एकत्र कर रही है। 15 जनवरी मकर संक्रति से पूरे देश मे मन्दिर के पुनः निर्माण के लिए समर्पण निधि संग्रह अभियान का प्रारम्भ होने जा रहा है। आज इसके नमित हरकी पौड़ी पर माँ गंगा के पावन तट पर गंगा पूजन के साथ समर्पण संग्रह साहित्य का भी पूजन किया गया है।
माँ गंगा के पावन तट पर भाव विभोर होते हुए चम्पत राय ने कहा कि हमने हरिद्वार से ही राम मंदिर आंदोलन का आह्वान किया था और आज यही से मन्दिर निर्माण के लिए निधि संग्रह अभियान का प्रारम्भ हो रहा है। उन्होंने कहा कि राम मंदिर से राष्ट्र मन्दिर बने इसके लिए प्रत्येक हिन्दु का समर्पण जरूरी है। उन्होंने कहा कि राम मंदिर आंदोलन में जन जन की सहभागिता रही थी इसके पुनः निर्माण में भी जन सहभागिता हो।

श्री राम मंदिर तीर्थ क्षेत्र न्यास के महामंत्री चंपत राय गंगा पूजन कर श्रीराम जन्मभूमि समर्पण निधि अभियान का शुभारंभ करते हुए

श्रीगंगा सभा के अध्यक्ष प्रदीप झा के निर्देश में गंगा पूजन व समर्पण निधि पुस्तिकाओं का पूजन किया गया। इस अवसर पर विहिप के केंद्रीय मंत्री अशोक तिवारी, आरएसएस के प्रांत प्रचारक युद्ववीर सिंह, अभियान समिति के विभाग अध्यक्ष महन्त रूपेंद्र प्रकाश महाराज, नगर अध्यक्ष स्वामी रवि देव शास्त्री, अविनाश ओहरी, विजय पाल सिंह,नगर संचालक डॉ यतीन्द्र नागयन, विभाग प्रचारक शरद कुमार, नगर प्रचारक रमेश मुखर्जी, गुरमीत सिंह, डॉ अनुराग,अमित शर्मा, विहिप जिलाध्यक्ष नितिन गौतम, विहिप संगठन मंत्री अजय कुमार, सुनील कुमार, डॉ विशाल गर्ग, देशराज शर्मा, अनिल गुप्ता, राजेश शर्मा, दीपक भारती, संजीव दत्ता, कन्हैया खेवड़िया, प्रवीण शर्मा, उज्ज्वल पण्डित आदि मुख्य थे।



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