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आज देशभर में घर घर गणपति महाराज की स्थापना होगी। इस बार गणेश चतुर्थी पर बहुत ही अच्छा और शुभ सुमुख नाम का संयोग बना हुआ है। यह नाम गणेश जी का एक नाम भी है। सुमुख योग में भगवान गणेश की स्थापना और पूजा बहुत ही फलदायी मानी गई है। इस बार आज गणेश चतुर्थी पर बुधादित्य, सर्वार्थसिद्धि और पारिजात योग बना हुआ है। इस संयोग में गणेश स्थापना बहुत सी शुभ माना जाता है।
ज्योतिष राहुल अग्रवाल ने बताया हिंदू पंचांग के अनुसार भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी 06 सितंबर को दोपहर 3 बजकर 02 मिनट से शुरू हो गई है और इसका समापन 7 सितंबर को शाम 5 बजकर 37 मिनट पर होगा। शास्त्रों में भगवान गणेश की पूजा और स्थापना के लिए दोपहर का समय सबसे शुभ माना गया है। मान्यताओं के अनुसार आज चन्द्र दर्शन नहीं करना चाहिए।
गणेश चतुर्थी की पूजा और मूर्ति स्थापना के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 11 बजकर 02 मिनट से शुरू हो रहा है। आज अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 54 मिनट से शुरू होकर दोपहर 01 बजकर 36 मिनट तक रहेगा।
गणेश जी के मंत्र
वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ।
निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥
एकदन्तं महाकायं लम्बोदरगजाननम्ं।
विघ्नशकरं देवं हेरम्बं प्रणमाम्यहम्॥
गजराजमुखाय ते नमो मृगराजोत्तमवाहनाय ते ।
द्विजराजकलाभृते नमो गणराजाय सदा नमोऽस्तु ते ॥
गजाननाय पूर्णाय साङ्ख्यरूपमयाय ते ।
विदेहेन च सर्वत्र संस्थिताय नमो नमः ॥
अमेयाय च हेरम्ब परशुधारकाय ते ।
मूषक वाहनायैव विश्वेशाय नमो नमः ॥