श्रद्धाजंलि: उत्तराखंड में एजुकेशन के क्षेत्र में काम करना चाहते थे बिपिन रावत: त्रिवेेंद्र सिंह रावत




नवीन चौहान।
देश के पहले सीडीएस बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका रावत की अस्थियां आज मां गंगा में विसर्जित कर दी गई। अस्थि विसर्जन के दौरान प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत भी मौजूद रहे।

पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अपने शोक संवेदनाएं व्यक्त की और पीड़ित बिपिन रावत के परिवार को सांत्वना दी। इस दौरान मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि बिपिन रावत के इस तरह अचानक चले जाना देश के लिए बड़ी क्षति है।

उन्होंने कहा कि मां गंगा को मोक्ष दायिनी कहा जाता है। ऐसी मान्यता है कि अस्थियां मां गंगा में विसर्जन करने से उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। शास्त्रों में भी गंगा में अस्थि विसर्जन की मान्यता के बारे में उल्लेख है।

उन्होंने कहा कि बिपिन रावत जी की इच्छा थी कि वह रिटायर होने के बाद उत्तराखंड में ही अपना घर बनाए। वह अपने पैतृक गांव में भी घर बनाना चाहते थे। इसके अलावा उनकी बहुत बड़ी इच्छा थी कि वह उत्तराखंड के गढ़वाल और कुमायूं मंडल में एक एक स्कूल खोले।

बताया कि हादसे से तीन दिन पहले जो लोग उनसे मिले उनके सामने भी उन्होंने अपनी यह इच्छा जतायी थी। वह रिटायरमेंट के बाद एजुकेशन के क्षेत्र में काम करना चाहते थे। वह पूरी तरह देश के लिए समर्पित थे। कहा कि बिपिन रावत सच्चे राष्ट्रभक्त थे।



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