सीएम ने पूछा तो अधिकारियों ने प्रेसवार्ता करके दी चारधाम यात्रा की व्यवस्थाओं की जानकारी




नवीन चौहान.
सीएम पुष्कर सिंह धामी द्वारा अधिकारियों से चारधाम यात्रा की व्यवस्थाओं को लेकर की गई बैठक के बाद अधिकारी भी हरकत में आ गए है। रविवार को शासन की ओर से प्रेसवार्ता बुलाकर यात्रा संबंधी सभी तैयारी और व्यवस्थाओं के बारे में जानकारी दी गई।

रविवार को देहरादून स्थित सचिवालय, मीडिया सेंटर में अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, डीजीपी अशोक कुमार, पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर, स्वास्थ्य सचिव राधिका झा, प्रो. हेम चंद्र पांडे (कुलपति, एच.एन.बी चिकित्सा शिक्षा विश्वविद्यालय), महानिदेशक सूचना रणबीर सिंह चौहान द्वारा चार धाम से संबंधित जानकारियों को अवगत करवाने हेतु संयुक्त रूप से प्रेस कॉन्फ्रेंस की।

अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कहा की अन्य सालों के मुकाबले इस साल भारी संख्या में यात्री एवं श्रद्धालु चार धाम यात्रा पर आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि यात्रियों को स्वास्थ्य सुरक्षा पेयजल ठहरने जैसी तमाम सुविधाएं मिले इसके लिए सभी विभाग आपस में समन्वय के साथ कार्य कर रहे हैं। उन्होंने बताया उत्तराखण्ड सरकार के सभी विभाग यथा पर्यटन (नोडल विभाग), धर्मस्व, चिकित्सा, परिवहन, नागरिक उड्डयन एवं जिला प्रशासन आदि द्वारा यात्रा को सुचारू एवं सुरक्षित बनाने हेतु सभी प्रकार की व्यवस्थाएँ की गयी है।

डीजीपी अशोक कुमार ने बताया की दिनांक 04.06.2022 तक चारधाम यात्रा में आये यात्रियों की संख्या लगभग 1611598 है। उन्होंने बताया दिनांक 04.06.2022 तक चारधाम यात्रा में आये वाहनों की संख्या-154983 रही। उन्होंने बताया पुलिस द्वारा यात्रा के दौरान बिछडे 920 यात्रियों को उनके साथ आये श्रद्धालुओं से मिलाया गया, यात्रा के दौरान 300 यात्रियों को रेस्क्यू कर उनका जीवन बचाया गया, 80 यात्रियों को अस्पताल में भर्ती कराया गया एवं 54 घायलों की मदद की गयी, 130 यात्रियों के गुम हुये सामान को वापस कराया गया।

उन्होंने कहा कि वर्तमान तक हैली ऑनलाइन बुकिंग फर्जीवाडा एवं फर्जी रजिस्ट्रेशन के सम्बंध में 16 अभियोग पंजीकृत कर 20 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया। चारधाम यात्रा एवं विभिन्न धार्मिक / पर्यटक स्थलों पर मिशन मर्यादा अभियान के दौरान लगभग 20000 लोगों के विरूद्ध कार्यवाही की गयी। धामों में श्रद्धालुओं के दर्शन हेतु पर्याप्त संख्या में बैरिकेडिंग, रस्से व्यवस्थाओं के साथ साथ पंक्तिबद्ध दर्शन कराये जा रहे हैं। राज्य के धामों में वीआईपी गेट की पूर्व प्रचलित व्यवस्था को समाप्त किया गया है।

स्वास्थ्य सचिव राधिका झा ने स्वास्थ्य विभाग द्वारा चार धाम हेतु की गई तैयारियां के बारे में अवगत करवाया। चिकित्सा कर्मियों की तैनाती में बढ़ोतरी करते हुए 178 चिकित्साधिकारी तैनात किये गए हैं, जो वर्ष 2019 की तुलना में 66 प्रतिशत अधिक है। फर्स्ट मेडिकल रिस्पांडर एवं मेडिकल रिलीफ पोस्ट की संख्या में भी वृद्धि की गई है। एंबुलेंस की संख्या में भी गत वर्षों की तुलना में 33 प्रतिशत वृद्धि करते हुए यात्रा मार्ग पर 119 एम्बुलेंस तैनात की गई है। यात्रियों को त्वरित चिकित्सा सहायता प्रदान करने के लिए पहली बार हेली एम्बूलेंस सेवाएं दी जा रही है, इसके अतिरिक्त सभी चिकित्सा इकाइयों पर ऑक्सीजन की पर्याप्त आपूर्ति रखी गयी है। 2।

स्वास्थ्य सचिव ने बताया कि राज्य में पहली बार यात्रा मार्गों पर हेल्थ स्क्रीनिंग की व्यवस्थाएं की गई हैं जिसमें 9 प्रमुख स्थानों क्रमश: बद्रीनाथ के लिए गौचर एवं पाण्डुकेश्वर, केदारनाथ के लिए सोनप्रयाग, जवारी बॉयपास एवं कुण्डपुल तथा यमुनोत्री के लिए दोबाटा, जानकी चट्टी एवं गंगोत्री के लिए हिना एवं गंगोत्री में हेल्थ स्क्रीनिंग की जा रही है। हैल्थ स्क्रीनिंग में ऐसे यात्रियों को आगे की यात्रा से रोका जा रहा है, जिनकी स्वास्थ्य स्थिति यात्रा के अनुकूल नहीं है। अभी तक 87 यात्रियों को स्क्रीनिंग उपरान्त वापस लौटाया गया है।

पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने बताया कि वर्ष 2019 में रिकॉर्ड 34 लाख यात्री उत्तराखंड की चार धाम यात्रा पर आए थे, परंतु वर्ष 2022 में मात्र 1 माह में यह संख्या 16 लाख तक पहुंच चुकी है जो कि चार धाम यात्रा की व्यापक लोकप्रियता और उत्तराखंड के प्रति देशभर में लोगों के बढ़ते आकर्षण का प्रतीक है। केदारनाथ धाम में भी वर्ष 2019 में रिकॉर्ड 10 लाख लोग दर्शन के लिए पहुंचे थे जबकि वर्ष 2022 में मात्र 1 माह की अवधि के भीतर 5 लाख से अधिक श्रद्धालुओं द्वारा केदारनाथ धाम के दर्शन किए गए हैं।

उन्होंने बताया पर्यटन विभाग द्वारा पहली बार यात्रियों की सुरक्षा के लिए ऑनलाइन पंजीकरण की व्यवस्था की गई है ताकि किसी दिन विशेष पर धामों की धारण क्षमता के अनुरूप लोग वहां पहुंच सके और यात्रा प्रबंधन को बेहतर किया जा सके। (registrationandtouristcare.uk.gov.in)
पर्यटन सचिव ने बताया कि यात्रियों की सुविधा के लिए पर्यटन विभाग द्वारा पहली बार एक टोल फ्री कॉल सेंटर का संचालन किया जा रहा है। राज्य भर में कुल 18 फिजिकल पंजीकरण केंद्र बनाए गए हैं। रजिस्ट्रेशन काउंटर तथा मंदिरों में दर्शन हेतु कतार प्रबंधन के लिए टोकन सिस्टम की व्यवस्था की गई है।

उन्होंने बताया कि पहली बार यात्रा मार्ग पर निरंतर निगरानी बनाए रखने के लिए सर्विलांस कैमरा स्थापित किए गए हैं। इसके अतिरिक्त धामों पर यात्रियों की संख्या का सटीक आकलन करने के लिए हेडकाउंट कैमरा स्थापित किए गए हैं। सोशल मीडिया के माध्यम से यात्रियों को यात्रा पंजीकरण, हेल्थ एडवाइजरी तथा मौसम की अद्यतन जानकारी उपलब्ध कराई जा रही है।

प्रो. हेम चंद्र पांडे (कुलपति, एच.एन.बी चिकित्सा शिक्षा विश्वविद्यालय) ने बताया की विभिन्न वैज्ञानिक शोध के अनुसार कोविड महामारी के दूरगामी प्रभाव के कारण मैदानी क्षेत्रों से उच्च हिमालयी क्षेत्रों में यात्रा करने का जोखिम अत्यधिक बढ़ गया है। उन्होंने कहा हमारे द्वारा सुझाव दिये गये हैं कि बुजुर्ग एवं अन्य बिमारियों से ग्रसित यात्रियों का पूर्व स्वास्थ्य परीक्षण आवश्यक है और सभी यात्रियों को मेडिकल एडवाईजरी का अनुपालन करते हुए ही यात्रा पर आना चाहिए।



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