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न्यू देवभूमि हॉस्पिटल के चिकित्सकों की मेहनत ने एक 74 साल के बुजुर्ग को नया जीवन दिया है। मरीज के परिजन हिम्मत हार चुके थे लेकिन यहां के डॉक्टरों ने उन्हें हिम्मत दिलाते हुए इलाज शुरू किया। 47 दिन तक अस्पताल में भर्ती रहने के बाद सोमवार को मरीज को स्वास्थ्य लाभ होने पर छुटटी कर दी गई।
न्यू देवभूमि अस्पताल के चेयरमैन डॉ सुशील शर्मा के कुशल प्रबंधन और नेतृत्व में मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं एक ही छत के नीचे उपलब्ध हो रही है। गंभीर से गंभीर रोगों के मरीजों को भी यहां बेहतर इलाज की वजह से आराम मिल रहा है। इसी अस्पताल में 47 दिन पहले हरिद्वार के ही 74 साल के बुजुर्ग सुदामा शर्मा को भर्ती कराया गया। इस मरीज का लिवर संक्रमण के चलते फट गया था। परिजनों ने पहले उसे हरिद्वार के ही सिटी अस्पताल में भर्ती कराया लेकिन चार दिन यहां भर्ती करने के बाद जब मरीज को कुछ लाभ होता नहीं दिखा तो वह बेहतर लाभ के लिए देहरादून के एक बड़े निजी अस्पताल में मरीज को ले गए। मरीज के भाई पुरूषोत्म शर्मा गांधी वादी ने बताया कि उनके भाई की देहरादून में भी इलाज के दौरान स्थिति और बिगड़ती चली गई। इस दौरान वह कोमा जैसी स्थिति में पहुंच गए। 17 दिन वहां भर्ती रखा गया। उन्हें इस दौरान किसी परिचित ने ही बताया कि इनका इलाज हरिद्वार में ही न्यू देवभूमि हॉस्पिटल जो कि रानीपुर मोड पर है वहां कराओ। परिजन मरीज को लेकर न्यू देवभूमि हॉस्पिटल पहुंचे जहां डॉक्टर सुशील शर्मा की देखरेख में डॉक्टर ऋषभ दीक्षित ने उनका इलाज शुरू किया। करीब 47 दिन अस्पताल में मरीज का इलाज चला जिसके बाद सोमवार को उन्हें अस्पताल से छुटटी देकर घर भेज दिया गया। परिजनों का कहना हैकि मरीज को अब काफी आराम है। उन्होंने मरीज को लेकर उम्मीद छोड़ दी थी लेकिन अस्पताल के डॉक्टरों और उनकी टीम ने मेहनत की जिसका परिणाम सामने आया। डॉ ऋषभ दीक्षित का कहना है कि मरीज जब यहां अस्पताल में लाया गया था तब उसकी स्थिति काफी चिंताजनक थी, लेकिन हमने मरीज के इलाज के लिए जो भी बेहतर हो सकता था वह किया और उसका साकारात्मक परिणाम सामने आया। अब मरीज ठीक है। अस्पताल के चेयरमैन डॉ सुशील शर्मा का कहना है कि उनका प्रयास रहता है कि मरीज को सुलभ इलाज मिले। इसीलिए अस्पताल में अत्याधुनिक मशीनों के साथ इलाज की व्यवस्था उपलब्ध करायी जा रही है।