जोगेंद्र मावी
आईओसी से मिले 34 करोड़ रुपये से हरकी पैड़ी पर हो रहे सौंदर्यीकरण कार्यों की जांच अब दिल्ली में होगी। लेकिन बड़ा सवाल यह है कि बिना किसी विभाग की सहमति या डीपीआर जांच कराने बिना हरकी पैड़ी के सौंदर्यीकरण कार्य कैसे शुरू हो गए। इसी के साथ रोड़ी बेलवाला मैदान में घास कैसे लगी। अब इनकी जांच दिल्ली में होगी।
केंद्रीय मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल निशंक की ओर से कुंभ कार्यों की समीक्षा बैठक में बड़ा खुलासा हुआ। डॉ निशंक ने आईओसी से 34 करोड़ रुपये का बजट हरकी पैड़ी के सौंदर्यीकरण कार्य के लिए जारी कराया। इस बजट के जारी होने के बाद कंपनी ने हरकी पैड़ी के सौंदर्यीकरण का काम करीब पिछले 6 महीने पहले शुरू करा दिया। हरकी पैड़ी के सौंदर्यीकरण का काम करीब 12 करोड़ रुपये में हो गया, तो बजट शेष रह जाने के बाद बजट को ठिकाने लगाने के लिए रोडीबेलवाला मैदान में शौचालय के साथ अन्य निर्माण शुरू करा दिए गए। सबसे बड़ा मामला तब सामने आया जब रोडी बेलवाला मैदान में घास लगाने काम हो गया। समीक्षा बैठक के दौरान जब डॉ निशंक ने हरिद्वार के जिलाधिकारी, मेलाधिकारी, एचआरडीआर के अधिकारियों को काम की स्वीकृति, डीपीआर के बारे में पूछा तो सभी ने हाथ खड़े कर दिए। सबसे बड़ी बात कि अधिकारी निरीक्षण करते रहे और किसी ने भी 34 करोड़ के कार्यों की डीपीआर ही चेक नहीं की। केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ निशंक ने मामला का खुलासा होने पर निर्माण कर रही कंपनी के तकनीकि विशेषज्ञ, डीपीआर बनाने वालों के साथ मेलाधिकारी दीपक रावत को दिल्ली बुलाया है।