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डिफेंस कॉलोनी, देहरादून स्थित डीएवी पब्लिक स्कूल में 10वां अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस बड़े ही हर्षोल्लास और उमंग के साथ मनाया गया। ‘योग’ भारतीय सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत है, जिससे मनुष्य मुख्य रूप से अपने शरीर, मन, विचार को नियंत्रित व संयमित कर सकता है। सिर्फ इनता ही नहीं कुछ ऐसी बीमारियां जिनके सामने आज का आधुनिक चिकित्सा विज्ञान भी हार मान चुका है, वहां हमारी आशा की किरण योग बनता है। इसी विचारधारा से प्रभावित प्रत्येक वर्ष 21 जून को विश्व योगदिवस का आयोजन किया जाता है।
इस वर्ष दसवां अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया जा रहा है जिसका मूल विषय स्वयं और समाज के लिए योग है। योग दिवस के अवसर पर विद्यालय प्रागंध में कुशल योग शिक्षिका के निर्देशन में छात्रों, प्रधानाचार्या, अध्यापकों और अभिभावकों ने मिलकर योगाभ्यास किया। कार्यक्रम का प्रारंभ योग प्रार्थना के साथ हुआ।
ताडासन, मकरासन, वज्रासन, सुखासन, पद्मासन, सिंहघासन, भुजंगासन, धनुरासन, शलभासन, शीतली आसान आदि आसन कराएं गए व इन आसनों से होने वाले अनेको लाभ जैसे ताड़ासन शरीर में रक्तचाप बढ़ाने, पीठ दर्द की समस्या का निवारण, शीतली आसन शरीर को शीतल रखने, पद्द्मासन तनाव व रक्तचाप को कम करने व मकरासन पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है।
डी. ए. वी., सी.एम.सी. की तरफ से प्रधानाचार्या शालिनी समाधिया द्वारा प्रतिभागी छात्रों को प्रमाण पत्र दिये गए। शांति पाठ द्वारा कार्यक्रम का समापन किया गया। विद्यालय में योग दिवस के अवसर पर अनेक गतिविधियां संचालित की गई। जिसमें छात्रों ने योग के द्वारा अपने मानोभावों को प्रकट करते हुए पोस्टर बनाएं और स्लोगन लिखे।
प्रधानाचार्या शालिनी समाधिया ने योगाभ्यास के प्रति छात्रों को प्रेरित करते हुए कहा कि जीवन की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए हमें योग को अपने जीवन का अभिन्न अंग बनाना चाहिए। योग के द्वारा हम उच्च ऊर्जा, बेहतर मनोदशा, तनाव मुक्त शरीर तथा उच्चतम शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य के साथ साथ अपने अध्ययनो पर बेहतर ध्यान केंद्रित करने में सक्षम हो सकते हैं।
योग हमें अनुशसित बनाता है और अनुशासित व्यक्तियों से ही अनुशासन समाज का निर्माण होता है। जो देश की प्रगति में अपना विशेष योगदान देते हैं। योग हमारी प्राचीन धरोहर है। जिसका संरक्षण एवं संवर्धन हमारा परम कर्तव्य है।