नवीन चौहान.
हरिद्वार में खाद्य आपूर्ति विभाग ने सरकारी राशन की पांच दुकानों को निलंबित कर दिया है। ये दुकानें उत्तराखंड सूचना आयोग के आदेश के अनुपालन में निलंबित की गई है। उत्तराखंड सूचना आयोग ने अप्रैल में अपने अंतरिम आदेश में ऐसी दुकानों के खिलाफ कार्यवाही करने को कहा था, जिनके दुकानों के अभिलेख गुम अथवा नष्ट हो चुके हैं।
सूचना आयोग के निर्देश के बाद हरकत में आए खाद्य विभाग ने खुलासा किया कि अब तक हरिद्वार जिले में ही 43 राशन विक्रेता अपने अभिलेखों के गुम या नष्ट होने की एफआइआर दर्ज करा चुके हैं। आयोग ने इसे गंभीर करार देते हुए शासन के संज्ञान में लाने के निर्देश दिए हैं।
राज्य सूचना आयुक्त योगेश भट्ट ने अप्रैल में अपने अंतरिम आदेश में सरकारी राशन की दुकानों के अभिलेख खोने के मामले में कई सवाल खड़े किए थे। उन्होंने अभिलेख खोने व पुलिस में सूचना दर्ज कराने के मामले में गहन जांच करने का आदेश दिए थे। आदेश में स्पष्ट रूप से कहा गया था कि जांच इस दृष्टिकोण से कराई जाए कि कहीं सार्वजनिक वितरण प्रणाली में घपले के साक्ष्यों को मिटाने के उद्देश्य से तो रजिस्टर गायब नहीं हुए।
आयोग के आदेश के बाद खाद्य आपूर्ति विभाग ने मामले की जांच की। जांच में सामने आया कि कुछ विक्रेताओं ने अपने अभिलेखों के गायब होने की सूचना तब दर्ज कराई गई, जब सूचना के अधिकार के तहत उनसे सूचनाएं मांगी गई थी। ऐसे पांच विक्रेताओं की दुकानों को जिलाधिकारी हरिद्वार के आदेश के क्रम में निलंबित कर दिया गया है।
खाद्य आपूर्ति विभाग की कार्यवाही व सूचना उपलब्ध कराने पर शिकायतकर्त शेखर कुमार ने संतुष्टि व्यक्त की है। ऐसे में सूचना आयोग ने संतुष्टि के आधार पर अपील को निस्तारित कर दिया।
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