नवीन चौहान
हरिद्वार के वरिष्ठ पत्रकार तनुज वालिया का हृदय गति रूकने से निधन हो गया। जिसके बाद पत्रकारों में शोक की लहर दौड़ गई। वह अपने पीछे दो मासूम बच्चों को रोता बिलखता छ़ोड़ गए है। तनुज के निधन के बाद उनके घर पर पत्रकारों और पुलिस का तांता लग गया। सभी ने शोकाकुल परिवार को ढांढस बंधाया।
तनुज वालिया विद्धान अधिवक्ता और पत्रकार थे। पढ़ने में होशियार तनुज बचपन से ही तेज तर्रार रहे। अधिवक्ता होने के बाबजूद उनका मन पत्रकारिता में लगता था। प्रधान टाइम्स से पत्रकारिता में कैरियर की शुरूआत की। जिसके बाद अमर उजाला, दैनिक जागरण और हिंदुस्तान अखबार में अपराध संवाददाता के तौर पर बेहतर कार्य करके अपनी अलग ही पहचान बनाई।
अखबार की दुनिया के बाद टीवी चैनल की पत्रकारिता में भी तनुज ने काफी मेहनत की और अपनी काबलियत को साबित किया। श्री न्यूज, समाचार प्लस, न्यूज 18, सीएनईबी जैसे नामी चैनल में कार्य करते हुए अपने को सर्वश्रेष्ठ बनाए रखा। तनुज वालिया का स्वास्थ्य खराब हुआ तो उन्होंने डिजिटल मीडिया में कदम बढ़ाया और ईटीवी भारत में कार्य शुरू किया। तनुज वालिया ने वक्त के साथ अपने कार्य और स्वभाव में परिवर्तन लाया। तनुज की सबसे बड़ी खूबी कि वह यारों के यार रहे और अपने साथी पत्रकारों के लिए सदैव संघर्ष करते रहे।
तनुज प्रेस क्लब हरिद्वार के कोषाध्यक्ष भी रहे और उत्तराखंड श्रमजीवी पत्रकार यूनियन के सक्रिय सदस्य थे। उनके निधन से पत्रकारों में शोक की लहर है और अपूणीय क्षति है।