जोगेंद्र मावी
हरिद्वार के किसानों ने 8 दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन में कोई निष्कर्ष न निकलने पर दिल्ली के लिए कूच करने का निर्णय लिया। किसान संगठनों के आह्वान पर सहकारी समिति सीतापुर पर कांग्रेस के समर्थन से किसानों ने धरना दिया।
धरने में बहादरपुर जट के किसान अकिंचन ने कहा कि हम किसान हैं और आंदोलनकारी किसानों को बधाई देना चाहते हैं कि उन्होंने तानाशाह सरकार के खिलाफ निर्णायक जंग का ऐलान किया। उन्होंने क्षेत्र में धान की बिक्री न होने तथा घोषित मूल्य से कम मूल्य देने की बात कही। किसान नेता नंदलाल राणा किसान नेता ने कहा कि हम भी समर्थन में पीछे नहीं रहेंगे। गन्ना किसानों की समस्याओं पर प्रकाश डालते हुए मील मालिकों के मनमर्जी वाले रवैया पर खेद व्यक्त किया। पूर्व विधायक अम्बरीष कुमार ने कहा कि कृषि कानून किसानों के लिए ही नहीं आम गरीब के लिए भी हानिकारक है इससे सार्वजनिक वितरण प्रणाली भी प्रभावित होगी जमाखोरी को बढ़ावा मिलेगा। खाद्यान्न महंगा होगा किसान कंगाल होगा उद्योग, गैस, ऊर्जा, हवाई अड्डा निजी क्षेत्र के कारखानों के बाद मोदी सरकार कृषि भूमि को भी कॉर्पोरेट घरानों को सौंपने का काम कर दिया। कृषि क्षेत्र का जीडीपी में योगदान 14ः का है और लगभग 16 लाख करोड खाद्यान्नों का उत्पादन होता है अतः कॉर्पोरेट हाउस के गिद्ध दृष्टि इस क्षेत्र पर टिकी है और मोदी जी इन के सहयोगी है। मोदी जी को यह भी याद रखना चाहिए कि देश को आजाद करने वाला किसान और मजदूर मोदी को भी पलटने में सक्षम है।
पूर्व विधायक अंबरीष कुमार ने कहा कि किसानों का आह्वान किया कि 8 तारीख को किसानों के समर्थन में जुटे इसके बाद किसानों ने तय किया कि यदि 8 तारीख तक कोई हल नहीं निकला तो ट्रैक्टर ट्रॉली रैली निकालकर समर्थन करेंगे। आंदोलन में मृतक किसानों को 2 मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि अर्पित की। धरना सभा का संचालन किसान नेता अंकित चैहान ने किया। उपस्थित रहे किसानो में मुन्तजिर, रत्न सिंह, सगीर , मो शहरूबान, अजमोद मोदी, वकील, मोहब्बत, अफजल,नुर आलम, छेत्रपाल सिंह चैहान, युनूस प्रधान, आदिल, हाजी शहाबुद्दीन, जियाउलहक,संजय, जान आलम, तालिब, खालिद, ेंउउवद, हुसैन अली, शेष राज आदि शामिल हुए।