नवीन चौहान
11 साल की मासूम बच्ची का प्रकरण हरिद्वार पुलिस के लिए एक सबक है। किसी भी बच्ची, युवती और महिला की गुमशुदगी को संजीदगी से लिया जाए। अगर पीड़ित परिजन किसी पर संदेह जता रहे है तो उसको कस्टडी में रखकर पूछताछ की जाए। हालांकि इस प्रकरण में पुलिस आरोपी राजीव की गिरफ्तारी कराकर शहर का वातावरण शांत कराने में सफल रही है। लेकिन जनता के दिलों से आक्रोष कम नहीं हुआ है। जनता के मन में पीड़िता को इंसाफ मिलने तक आक्रोष बरकरार रहेगा। ऐसे में पुलिस की काबलियत यह है कि वह आरोपियों के खिलाफ पुख्ता से पुख्ता सबूत जुटाकर कोर्ट में रखे। ताकि आरोपियों को जल्दी से जल्दी और कड़ी से कड़ी सजा दिलाई जा सकें। हरिद्वार पुलिस एक नजीर पेश करें। ताकि कोई भी दुष्ट मानसिक प्रवृत्ति का व्यक्ति इस प्रकार का दुस्साहस ना कर सकें। हरिद्वार में इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति ना हो।
इसी के साथ यह घटना उत्तराखंड पुलिस के लिए एक सबक भी है। किसी भी मासूम बच्ची,युवती अथवा महिला के लापता होने की घटना को संजीदगी से ले। पुलिस गुमशुदगी की सूचना पर तत्परता दिखाए। ताकि पुलिस पीड़ित परिजनों को तत्काल राहत दिला सकें। ऋषिकुल से लापता हुई 11 साल की मासूम प्रकरण में मायापुर चौकी प्रभारी संजीत कंडारी ने तत्परता दिखाई। नगर कोतवाली प्रभारी अमरजीत सिंह और एसपी सिटी कमलेश उपाध्याय ने भी बच्ची की गुमशुदगी को संजीदगी से लेकर अपनी कर्तव्यनिष्ठा का पालन किया। पुलिस ने बच्ची के शव को बरामद किया और एक आरोपी रामतीरथ को तत्काल गिरफ्तार कर लिया। बच्ची का शव बरामदगी कराने के बाद प्रॉपर्टी डीलर राजीव के अचानक से गायब हो जाना पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़ा करता है। पुलिस ने राजीव को अपनी कस्टडी से बाहर कैसे जाने दिया। इसी बात को लेकर जनता में काफी आक्रोष दिखाई दिया। हालांकि पुलिस ने वक्त रहते सबकुछ ठीक कर दिया। फरार आरोपी राजीव अब पुलिस के कब्जे में है। पुलिस ने उसको असली जगह जेल में डाल दिया है। ऐसे में इस प्रकरण पर सभी की निगाहे पुलिस की विवेचना पर टिकी है। मासूम प्रकरण की विवेचना कर रही आईपीएस अफसर एएसपी डॉ विशाखा अशोक भदाणे बेहद ही कर्तव्यनिष्ठ और काबिल पुलिस अफसर है। उनकी कलम सच्चाई को अक्षरश: दर्ज करेंगी। घटनास्थल से बरामद तमाम सबूत, पोस्टमार्टम रिपोर्ट, फारेंसिक रिपोर्ट और तमाम साक्ष्य आरोपियों को कड़ी सजा दिलाने में कारगर होंगे।