नवीन चौहान
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने गंगा चैनल स्केप के शासनादेश को रद्द करते हुए गंगा प्रेमियों को बड़ा तोहफा दिया है। शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक की मौजूदगी में शासनादेश को रद्द करते समय भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री महंत नरेंद्र गिरी, महामंत्री हरि गिरी, गंगा सभा के महामंत्री तन्मय वशिष्ठ आदि शामिल हुए। उन्होंने मुख्यमंत्री के इस निर्णय पर गंगाजलि भेंटकर स्वागत किया।
यह था मामला
2016 में तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत ने हाईकोर्ट के निर्देशों पर गंगा किनारे दो सो मीटर की परिधि में बने होटलों और अवैध कॉलोनियों को ध्वस्तीकरण से बचाने के लिए हरिद्वार में हरकी पैड़ी की धारा को गंग नहर मायापुर तक गंगाजल ले जाने वाली स्कैप चैनल का अध्यादेश जारी कर दिया था। तब भाजपा ने भी कांग्रेस सरकार के इस फैसले का कड़ा विरोध किया था और भाजपाइयों ने ऐलान किया था कि राज्य में भाजपा सरकार बनने पर हरीश रावत के इस काले कानून को वे तुरंत रद्द कर देंगे परंतु राज्य में भाजपा सरकार बनने के 3 साल बाद भी हरीश रावत के हर की पैड़ी में गंगा नदी को नहर बनाने के काले अध्यादेश को आज तक निरस्त नहीं किया गया है जबकि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और उनके कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक को पंडे और पुरोहित तथा उनकी संस्था गंगा सभा कई बार इस बारे में ज्ञापन भी दे चुकी थीं, लेकिन राज्य की भाजपा सरकार में हरीश रावत के काले कानून को निरस्त नहीं किया था। जबकि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने गंगासभा सहित तमाम पंडे, पुरोहितों को भरोसा दिया था कि वह जल्दी ही हरीश रावत सरकार के इस फैसले को निरस्त कर देंगे।