मेरठ।
वसंत पंचमी की पूर्व संध्या पर चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय और विश्व संवाद केंद्र के संयुक्त तत्वाधान में गोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमें वरिष्ठ पत्रकार अजय मित्तल ने वसंत पंचमी के महत्व के बारे में विस्तार से प्रकाश डाला।
अजय मित्तल ने कहा कि बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती का जन्म हुआ था। ज्ञान और बुद्धि की देवी मां सरस्वती जिनका जन्म स्थल शारदा पीठ माना जाता है जो कि वर्तमान में पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में है। सरस्वती का मतलब रस से भरा हुआ। ज्ञान विज्ञान कला साहित्य संगीत का रस मिलाकर के सरस्वती का द्योतक बनता है। इनके हाथों में वीणा संगीत, पुस्तक ज्ञान पीछे मोर कला का प्रतीक, कमल का फूल ज्ञान चक्षु के प्रतीक माने गए हैं। हमारे यहां सभी देवी देवताओं के हाथों में जो भी अस्त्र और शस्त्र है उनके बहुत ही व्यापक अर्थ हैं। उनको समझने की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि इस दिन पीत वस्त्र पहनना, खाने में पीले रंग का उपयोग करना, क्योंकि पीला रंग ज्ञान का परिचय माना जाता है। उन्होंने कहा कि आज ही के दिन महाकवि सूर्यकांत त्रिपाठी निराला का जन्म हुआ था। वहीं राष्ट्रीयता से ओतप्रोत करने वाली सुभद्रा कुमारी चौहान की मृत्यु भी इसी दिन हुई थी। अजय मित्तल ने सुभद्रा कुमारी चौहान की वीर रस से भरी हुई कविताओं का पाठ भी किया।
सूर्यकांत त्रिपाठी निराला का जिक्र करते हुए कहा कि छायावादी युग के महान कवि निराला अपने स्वभाव से भी निराले थे। इससे पूर्व मां सरस्वती के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित तथा पुष्पा अर्चन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। सभी छात्र एवं छात्राएं ने भी मां सरस्वती का पूजन किया तत्पश्चात खिचड़ी का वितरण किया गया।
कार्यक्रम का संचालन डॉक्टर मनोज कुमार श्रीवास्तव ने किया तथा धन्यवाद तिलक पत्रकारिता एवं जनसंचार स्कूल के निदेशक प्रोफेसर प्रशांत कुमार ने किया। इस अवसर पर विश्व संवाद केंद्र न्यास के अध्यक्ष श्याम बिहारी लाल ने भी अपने विचार व्यक्ति किए। कार्यक्रम में मुख्य रूप से लव कुमार, मितेंद्र कुमार गुप्ता, राकेश कुमार, ज्योति वर्मा सहित विभाग की छात्र एवं छात्राएं मौजूद रहे।
कार्यक्रम के समापन पर राष्ट्रीय मतदाता दिवस के अवसर पर कार्यक्रम में उपस्थ्ति सभी छात्र छात्राओं को मतदान करने की शपथ दिलायी गई।