मायावती बोलीं-बर्थडे मनाने के लिए सपा की तरह मेरी पार्टी नहीं बहाती गरीबों का पैसा




लखनऊ: बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि मेरे जन्मदिन को पूरे देश में बहुजन समाज पार्टी के लोग सपा की सरकार की तरह शाही अंदाज में नहीं मनाते हैं और न ही मेरे कार्यकर्ता इनकी तरह गरीब जनता का धन पानी की तरह बहाते हैं। हमारी पार्टी के लोग पार्टी स्तर पर और यहां उत्तर प्रदेश में बीएसपी की सरकार के रहते हुए भी मेरा जन्मदिन हमारे महान संतों, गुरुओं और महापुरुषों के सोच और मूवमेंट को ध्यान में रखकर जनकल्याणकारी दिवस के रूप में मनाते हैं। उनके बताए हुए रास्तों पर चलकर मैंने उसे आगे बढ़ाया है और अपनी पूरी जिंदगी समर्पित की है। मायावती ने कहा कि मेरी पार्टी आचार संहिता का पूरा सम्मान करती है। यही वजह है कि मेरी पार्टी के लोग लाख चाहते हुए भी इस खास मौके पर नोटबंदी के चलते गरीब और शोषित लोगों की मदद नहीं कर पा रहे हैं। बाकी राज्यों में जहां मेरी पार्टी चुनाव नहीं लड़ रही है, वहां पार्टी के कार्यकर्ता पहले की तरह जन्मदिन मनाएं।

कमजोर और गरीब लोगों की मदद करें। कांग्रेस, बीजेपी और सपा ने चुनाव की तारीखों का ऐलान होने से पहले जनता को अपने पक्ष में करने के लिए किस्म-किस्म के हथकंडे अपनाए।  कांग्रेस ने अपनी रथ यात्रा और खाट सभा के दौरान जनता से झूठे वादे किए। मोदी सरकार ने भी लोकसभा चुनावी वादों का एक चौथाई हिस्सा भी पूरा नहीं किया। चुनावों से पहले केंद्रीय मंत्रियों ने घोषणाओं और शिलान्यास की बाढ़ लगा दी।

मायावती ने कहा कि नोटबंदी का फैसला बिना तैयारी के लिया गया। नोटबंदी के 50 दिन से ज्यादा होने के बाद भी हालात सामान्य नहीं है। नोटबंदी का फैसला लेने के 10 महीने पहले अपने खास धन्नासेठों और नेताओं के पैसों को ठिकाने लगा दिया था। मेरे परिवार के द्वारा रूटीन में नियमों के तहत पैसा जमा करने को मीडिया के जरिए उजागर कराया। 27 दिसम्बर को मैंने कहा था कि बीजेपी अपना हिसाब-किताब उजागर करे, लेकिन किया नहीं। इससे पता चलता है कि यह कितने बेदाग़ हैं। मेरे परिवार के कारोबार में बीजेपी सरकार को गड़बड़ी नजर आ रही थी तो अभी तक यह लोग क्या कर रहे थे। चुनाव के पहले ही उन्हें यह नजर आया। यह जातिवादी मानसिकता नहीं तो और क्या है। बीजेपी के इस घिनौने हथकंडे से बसपा को फायदा हो रहा है। इससे जनता यह सोचने को मजबूर हो रहा है कि बीसपी ही सत्ता में आ रही है। ढीले पड़े वोट भी जिताने में लग जाएंगें।

बसपा सुप्रीमो के मुताबिक, बीजेपी की घिनौनी हरकतों के लिए मैं उनका आभार व्यक्त करती हूं। उनके प्रवक्ताओं को भी परिवार के लोगो की संपत्ति के हिसाब-किताब में रुचि है तो इससे पहले इन्हें देश भर के 300 नेताओं के रिश्तेदारों की संपत्ति का हिसाब-किताब केंद्र सरकार से मांगने होगा। भाजपा यह नहीं बता पा रही है कि नोटबंदी के बाद कितना काला धन और भ्रष्ट लोग पकड़े गए हैं और कितने लोगों पर कार्रवाई हुई है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, 5250 किसान आत्महत्या करने को मजबूर हुए हैं।



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