एनजीटी के आदेशों के उल्लंघन पर मेरठ कैंट व दो फर्मों पर लगा 1 लाख 25 हजार का जुर्माना




संजीव शर्मा
मेरठ। नगर मजिस्ट्रेट सत्येन्द्र कुमार सिंह ने बताया कि एनसीआर क्षेत्र में वायु प्रदूषण के दृृष्टिगत राष्ट्रीय हरित अभिकरण (एनजीटी) द्वारा पारित आदेश तथा ग्रेडेड रिस्पांस एक्षन प्लाॅन (ग्रेप) के अनुपालन में जिलाधिकारी मेरठ द्वारा गठित समिति के द्वारा किये गये सर्वेक्षण में छावनी परिषद मेरठ कैंट व दो फर्मो पर 1 लाख 25 हजार रूपये का अर्थदंड पर्यावरण क्षतिपूर्ति के रूप में लगाया गया है।

उन्होने अधिशासी अधिकारी छावनी परिषद मेरठ कैंट, मैसर्स बालाजी ट्रेडर्स एनएच-58 मेरठ व मैसर्स वैभव ट्रेडर्स एनएच-58 मेरठ को निर्देशित किया कि वह एक सप्ताह में अर्थदंड की धनराशि को उ0प्र0 प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के बैंक खाते में जमा कराना सुनिश्चित करें ऐसा न करने की स्थिति में उक्त अधिरोपित धनराशि को भू-राजस्व की भांति वसूल किया जायेगा जिसका उत्तरदायित्व स्वयं उनका होगा।

उन्होंने बताया कि अधिशासी अधिकारी छावनी परिषद मेरठ कैंट पर छावनी परिषद क्षेत्र में नगर ठोस अपशिष्ट को बल्क में जलाने पर व एनजीटी के आदेशों का उल्लंघन करने पर 25 हजार रूपये का अर्थदंड पर्यावरण क्षतिपूर्ति के रूप में अधिरोपित किया गया है। वहीं मैसर्स बालाजी ट्रेडर्स एनएच-58 मेरठ व मैसर्स वैभव ट्रेडर्स एनएच-58 मेरठ पर रोडी, डस्ट आदि को खुले में भंडारित किये जाने पर व एनजीटी द्वारा जारी आदेशों का उल्लंघन करने पर 50-50 हजार का अर्थदंड पर्यावरण क्षतिपूर्ति के रूप में अधिरोपित किया गया है।

उन्होंने उक्त तीनों को निर्देशित किया कि वह एक सप्ताह में अर्थदंड की धनराशि को उ0प्र0 प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के बैंक खाते में जमा कराना सुनिश्चित करें ऐसा न करने की स्थिति में उक्त अधिरोपित धनराशि को भू-राजस्व की भांति वसूल किया जायेगा जिसका उत्तरदायित्व स्वयं उनका होगा।



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