आईएएस राधिका झा ने पहले डांट पिलाई और फिर चाय पर बुलाया, देंखे वीडियो





नवीन चौहान
ऊर्जा सचिव व वरिष्ठ आईएएस राधिका झा ने हरिद्वार में भूमिगत केबलिंग कार्य के निरीक्षण के दौरान ऊर्जा निगम के अधिकारियों और कर्मचारियों को कई बार डांट फटकार लगाई। उनको जिम्मेदारी का एहसास कराया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट की गंभीरता का बोध कराया। कार्य को गुणवत्तायुक्त तरीके से निर्धारित वक्त में पूरा करने के निर्देश दिए। निरीक्षण के दौरान तमाम खामियों को दुरूस्त कराया। और आज 31 मार्च 2021 को प्रोजेक्ट के लोकार्पण अवसर पर राधिका झा ने इस कार्य के पूर्ण होने का श्रेय भी अपनी यूपीसीएल की टीम को दिया। खुशी के इस मौके पर यूपीसीएल की पूरी टीम को अपनी तरफ से चाय पार्टी दी और बिजली विभाग के संबंध में आवश्यक निर्देश दिए।
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अंडरग्राउंड केबलिंग की योजना को सफल बनाने में ऊर्जा सचिव राधिका झा और प्रबंध निदेशक नीरज खैरवाल ने पूरी ताकत झोंक दी थी। दोनों ही अफसरों ने हरिद्वार में कई बार दौरे किए। कार्य की गुणवत्ता को बारीकी से जांचा परखा और आवश्यक दिशा निर्देश जारी किए। कोरोना काल की विषम परिस्थितियों में कार्य बाधित हुआ। लेकिन दोनों अफसरों ने हरिद्द्वार को बिजली के तारों के जंजाल से मुक्त कराने में अपनी काबलियत दिखाई। जून 2019 को शुरू किया गया कार्य एक साल 10 माह में पूर्ण कर हरिद्वार की जनता को तोहफे के रूप में मिल गया है।


उत्तर प्रदेश के बनारस के बाद उत्तरांड का हरिद्वार दूसरा ऐसा शहर है जहां भूमिगत बिजली की व्यवस्था है। जी हां करीब 388.49 करोड़ की लागत की इस योजना को महज 301 करोड़ में ही पूरा कर दिखाया गया है। न्यूज127 ने ऊर्जा सचिव राधिका झा से उनकी इस चुनौतीपूर्ण उपलब्धि पर बातचीत की। राधिका झा ने बताया कि भूमिगत परियोजना भारत सरकार का विशेष कार्यक्रम था। बनारस के बाद हरिद्वार को मिली है। पूरे देश में दो ही शहर है जिनको भूमिगत किया गया है। य​ह कार्य यूपीसीएल ने रिकार्ड वक्त में किया है। एक साल 10 माह में कार्य पूर्ण हुआ है। करीब 22 हजार स्कावयर मीटर क्षेत्र में एचटी एलटी की लाइनों को भूमिगत किया है। करीब 25 हजार घरों में कनेक्शन दे दिए गए है। बिजली चोरी पर अंकुश लगेगा। बिजली आपूर्ति 24 घंटे रहेगी। दुर्घटनाओं में कमी आयेगी। पर्यटन की दृष्टि से शहर सुंदर दिखेगा। 380 करोड़ की डीपीआर की इस योजना को 300 करोड़ में पूरा किया गया है। विद्या टैलिलिंग कंपनी ने पूरा किया। बिजली चोरी में काफी प्रभावी रहेगी। 5 से 7 प्रतिशत की कमी रहेगी। भूमिगत बिजली के कार्य के दौरान कुछ दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटनाएं हुई थी। गुणवत्ता की कसौटी के मानकों पर कार्य बेहद संतुष्टिपूर्ण है। अब दुर्घटना होने की कोई संभावना नही है। वही राधिका झा इस योजना के पूर्ण होने पर बेहद खुश दिखाई दी। इस कार्य का श्रेय अपनी यूपीसीएल की टीम को दिया और अपने सहयोगी प्रबंध निदेशक नीरज खैरवाल की तारीफ करना भी नही भूली। राधिका झा ने बताया कि उन्होंने अपनी डयूटी निभाई है। सभी यूपीसीएल की टीम इस प्रोजेक्ट के पूरा होने पर बधाई के पात्र है। कई बार उनको डांट भी खानी पड़ी। लेकिन वह सिर्फ डयूटी का हिस्सा थी। उन्होंने यूपीसीएल की टीम को चाय पार्टी देकर मनोबल बढ़ाया और एक कुशल लीडर की काबलियत को दर्शाया।
ये हुए काम
जिसमें 33केवी के 11 नग फीडरों की ओवरहेड विद्युत लाइनों को हटाकर केबिल से भूमिगत करने का कार्य 143 किलोमीटर 57 सर्किट किलोमीटर किया गया। 11केवी के 30 नग फीडरों की ओवरहेड विद्युत लाइनों को हटाकर केबिल से भूमिगत करने का कार्य 209 किलोमीटर 97 सर्किट किलोमीटर 774 नग वितरण ट्रांसफार्मरों की ओवरहेड बिद्युत लाइनो को हटाकर केबिल से भूमिगत किया गया। पथ प्रकाश के 4713 पोलों की 440 वोल्ट की 139 किलोमीटर की ओवरहेड लाइन को हटाकर भूमिगत किया गया। तथा 22 हजार 501 घरेलू और कमर्शियल उपभोक्ताओं को भूमिगत कनेक्शन दिए गए।
बेहतर बिजली सप्लाई के लिए 33 केवी के रिंग मेन यूनिट 20 नग एवं 11केवी के 327 नग की स्थापना की गई। 11 केवी के 630 केवीए क्षमता के 10 नग एवं 990 केवीए क्षमता के 14 नग कंपैक्ट ट्रांसफार्मरों की स्थापना की गई।



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