हरिद्वार ग्रामीण में स्वामी यतीश्वरानंद ने की साइलेंट मेहनत, भाजपा का बढ़ा मत प्रतिशत




दीपक चौहान
हरिद्वार लोकसभा सीट पर हरिद्वार ग्रामीण के पूर्व विधायक स्वामी यतीश्वरानंद ने पूरे चुनाव के दौरान बेहद ही साइलेंट तरीके से चुनाव प्रचार किया। दिन भर चुनाव प्रचार करने के बाद देर रात तक कार्यकर्ताओं के साथ बैठक करते नजर आए। स्टार प्रचारक मुख्यमंत्री पुष्कर धामी की जनसभाओं में भ़ीड़ का जबरदस्त जनसैलाब देखने को मिला। इसी के साथ उन्होंने अपने कार्यकर्ताओं में लगातार जोश भरने का कार्य किया।

मतदान के दिन भी स्वामी यतीश्वरानंद सुबह सबेरे से ही तमाम पोलिंग बूथों पर पहुंचे और अपने कार्यकर्ताओं को भाजपा के पक्ष में मतदान करने के लिए प्रेरित करते दिखाई दिए। स्वामी यतीश्वरानंद की मेहनत का ही नतीजा रहा कि हरिद्वार ग्रामीण में 73 फीसदी से अधिक मतदान हुआ। इस विधानसभा में दलितों और मुस्लिमों का भी काफी वोट भाजपा के खाते में गया। हालांकि चुनाव परिणाम तो 4 जून 2024 को आयेगा लेकिन स्वामी यतीश्वरानंद ने अपनी लोकप्रियता का एहसास भाजपा संगठन को करा दिया है।

हरिद्वार लोकसभा सीट पर 19 अप्रैल 2024 को मतदान संपन्न हो गया। चुनाव संपन्न हुआ तो चर्चाओं का दौर शुरू होना लाजिमी है। ऐसे ही चर्चाओं की बात करें तो लोकसभा चुनाव में हरिद्वार ग्रामीण विधानसभा सीट पर मतदान और पूर्व विधायक स्वामी यतीश्वरानंद की चर्चा करना सबसे ज्यादा जरूरी है। पूर्व विधायक स्वामी यतीश्वरानंद हरिद्वार लोकसभा सीट पर प्रत्याशी के दावेदारों में शामिल थे। उनका नाम सबसे ज्यादा चर्चाओं में था। हरिद्वार के निवर्तमान सांसद डॉ रमेश पोखरियाल निशंक के टिकट काटे जाने की स्थिति में स्वामी यतीश्वरानंद को प्रत्याशी बनाए जाने की पूरी संभावना प्रतीत हो रही थी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के करीबी होने के चलते स्वामी यतीश्वरानंद का टिकट लगभग पक्का माना जा रहा था। लेकिन भाजपा के राष्ट्रीय नेतत्व ने सभी चर्चाओं को विराम दिया और हरिद्वार लोकसभा सीट पर पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को प्रत्याशी बनाकर मैदान में उतार दिया।

त्रिवेंद्र सिंह रावत ने हरिद्वार चुनाव प्रचार के लिए मोर्चा संभाला तो स्वामी यतीश्वरानंद को संदेह की नजर से देखा जाने लगा। चर्चा शुरू हुई कि स्वामी यतीश्वरानंद और उनकी टीम चुनाव प्रचार में मन से नही लगेंगी। बात यहां तक हाई कि हरिद्वार ग्रामीण में भाजपा विधानसभा चुनाव हार चुकी है तो यहां भाजपा कमजोर स्थिति में है। ऐसे में स्वामी जी का चुपचाप बैठ जाना भाजपा प्रत्याशी के लिए खतरे की घंटी बजायेगा।

वही दूसरी ओर स्वामी यतीश्वरानंद ने प्रत्याशी के नाम की घोषणा होने के अगले ही दिन अपने कार्यकर्ताओं की मीटिंग ली। कार्यकर्ताओं को एकजुटता के साथ भाजपा प्रत्याशी त्रिवेंद्र सिंह रावत को भारी मतों से जीत दिलाने का आहृवान किया। स्वामी यतीश्वरानंद के कड़क लहजे भरे अंदाज को देखकर कार्यकर्ता सकते में आ गए। स्वामी यतीश्वरानंद ने अपने कार्यकर्ताओं को पुन: समझाया कि हम भाजपा के सिपाही है और भाजपा के लिए पूरे मेहनत और मनोभाव से कार्य करते हुए भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में अधिक से अधिक मतदान कराना है। स्वामी यतीश्वरानंद की बातों को सुनने के बाद कार्यकर्ताओं में जोश का संचार हुआ और वह पार्टी संगठन के तमाम कार्यो को पूरी शिददत से करने में जुट गए।

लेकिन सबसे अहम बात यह रही कि स्वामी यतीश्वरानंद ने चुनाव प्रचार के दौरान पार्टी और प्रत्याशी के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी। उन्होंने अपनी मेहनत मतदान के अंतिम दिन तक जारी रखी और यही कारण रहा कि हरिद्वार ग्रामीण में मत प्रतिशत बढ़ने के साथ ही भाजपा की स्थिति हरिद्वार ग्रामीण में बहुत मजबूत है। यहां से चुनाव परिणाम भाजपा के लिए बेहद सुखद आने वाले है।

कुल मिलाकर स्वामी यतीश्वरानंद ने बेहद ही साइलेंट तरीके से भाजपा संगठन को अपनी राजनैतिक क्षमता, योग्यता से परिचय करा दिया है। इसी के साथ स्वामी यतीश्वरानंद की निष्ठा पर सवाल खड़ा करने वाले उनके विरोधियों के मुंह पर करारा तमाचा पड़ा है।



Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *