नवीन चौहान
डीपीएस रानीपुर ने शिक्षा के क्षेत्र में एक बार फिर कीर्तिमान स्थापित किया है। डीपीएस के बच्चों ने शिक्षा के क्षेत्र में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया और स्कूल का नाम गौरवांवित किया। डीपीएस में शिक्षा अर्जित कर रहे देवभूमि हॉस्पिटल के चेयरमैन डॉ सुशील शर्मा (dr sushil sharma) के बेटे अस्तित्व ने 98फीसदी अंक लाकर स्कूल और अपने माता—पिता का नाम रोशन किया है। इसी के साथ अपने डॉक्टर बनने की दिशा में पहला कदम बड़े जोरदार तरीके से रखा है। बेटे का रिजल्ट देखकर मां बाप गर्व से प्रफुल्लित है। जबकि अस्तित्व की बहन फूली नही समा रही है।(New devbhumi hospital)
डीपीएस रानीपुर में 10वीं कक्षा की पढ़ाई कर रहे अस्तित्व ने शुरू से ही पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित किया। सुबह उठने से लेकर सोने तक का टाइम टेबल बनाया और पठन पाठन करने का सिलसिला शुरू किया। शुक्रवार को रिजल्ट अपेक्षा के अनुरूप आया तो अस्तित्व के चेहरे पर आत्मविश्वास का भाव साफ नजर आया। चेहरे पर खुशी और दिल में डॉक्टर बनने का सपने का पूरा होता नजर आया।
अस्तित्व ने न्यूज127 से बात की तो बताया कि उसने अपना डॉक्टर बनने का लक्ष्य निर्धारित किया हुआ है। पिता डॉ सुशील शर्मा पेशे से चिकित्सक है। गरीबों की सेवा करना उसने पिता से सीखा है। जबकि इलाज के अभाव में दम तोड़ने की खबर उसको विचलित करती है और मानसिक पीड़ा देती है। वह डॉक्टर बनने का लक्ष्य निर्धारित कर पढ़ाई पर पूरी तरह से केंद्रित है। मोबाइल से दूरी बनाकर रखी हुई है। मोबाइल का उपयोग स्कूल कार्य को पूर्ण करने के लिए करते है। इसके अलावा अस्तित्व ने बताया कि एक चिकित्सक में मानवीय संवेदनाएं अन्य लोगों की तुलना में अधिक होती है। पिता ने कभी उसको पढ़ाई के लिए नही डांटा। मां हमेशा मेरे पास रखकर मुझे प्रेरित करती है। मेरी मां ने कभी मुझे नही फटकारा। जब किसी चीज की इच्छा हुई तो वह मां पूरी कर देती है।
अस्तित्व ने बताया कि वह एक अच्छा इंसान बनकर समाज में अपना योगदान देना चाहता हूं। मेरे मम्मी—पापा और गुरूजन आदर्श है। उन्ही की शिक्षा और प्रेरणा से रिजल्ट अच्छा आया है। आगे भी इसी तरह पढ़ाई करते रहना है। जिंदगी की कडिन डगर पर अभी तो शुरूआत है। इस सिलसिले को यूं ही बनाकर रखना होगा तभी डॉक्टर बनने का सपना पूरा होगा। भाजपा नेता सचिन बेनीवाल ने अस्तित्व के टॉप करने पर खुशी जाहिर की। बताया कि पिता के नक्शे कदम पर बेटा चल रहा है। पिता के संस्कार और मां की प्रेरणा से ही अस्तित्व के डॉक्टर बनने का सपना पूरा होगा।