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देश विदेश में अपने स्वाद का तड़का लगे बासमती बीज को किसानों के लिए उपलब्ध कराने की पूरी तैयारी बासमती निर्यात विकास प्रतिष्ठान (बीईडीएफ) मोदीपुरम ने कर ली है। बासमती की विभिन्न प्रजातियों का बीज बीईडीएफ सेंटर पर सोमवार 21 अप्रैल से किसानों को उपलब्ध कराया जाएगा। इसके साथ ही किसानों को बासमती के लाभकारी उत्पादन के गुर सिखाने के लिए गोष्ठी का भी आयोजन किया जा रहा है। इस गोष्ठी के माध्यम से जहां कृषि वैज्ञानिक बासमती की खेती की वैज्ञानिक और आधुनिक तकनीक की जानकारी देंगे वहीं प्रगतिशील किसान अपना अनुभव भी गोष्ठी में आए किसानों से साझा करेंगे।

बासमती निर्यात विकास प्रतिष्ठान, एपीडा, वाणिज्य मंत्रालय भारत सरकार के मोदीपुरम में स्थित प्रदर्शन एवं प्रशिक्षण फॉर्म से बासमती के विभिन्न प्रजातियों के बीज का वितरण 21 अप्रैल से किया जाएगा। इस बार पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, दिल्ली, उत्तर प्रदेश एवं जम्मू से 1000 से अधिक किसानों के यहां बीज लेने के लिए आने की संभावना है।

विदित हो कि देश में मेरठ की पहचान जहां खेल उद्योग के लिए है वहीं कृषि क्षेत्र में अब उत्तम गुणवत्ता के बासमती धान के बीज के लिए भी मेरठ का नाम रोशन हो रहा है। यह सब परिणाम है बासमती निर्यात विकास प्रतिष्ठान के वरिष्ठ वैज्ञानिकों और स्टॉफ के प्रयास से। सर्वश्रेष्ठ बीज उपलब्ध कराने के लिए अब इस संस्था का नाम पूरे देश में जाना जाता है। इस वर्ष बासमती की प्रमुख प्रजाति पूसा बासमती 112, पूसा बासमती 1718, पूसा बासमती 1885, पूसा बासमती 1847, पूसा बासमती 1509, पूसा बासमती 1692 आदि प्रजातियों का उच्च गुणवत्ता युक्त बीज किसानों को 10 किलो की पैकिंग में यहां उपलब्ध कराया जाएगा।

बासमती धान के बीज का मूल्य 100 रुपये प्रति किलोग्राम तय किया गया है। बाहर के प्रदेशों से बड़ी तादात में किसानों के आने की संभावना को देखते हुए सुबह 6:00 बजे से किसानों को टोकन देना शुरू कर दिया जाएगा ताकि किसानों को किसी तरह की असुविधा का सामना न करना पड़े। इस वर्ष बीज वितरण मेले में किसानों के लिए बासमती गोष्ठी का भी आयोजन किया गया है, जिसमें देश के विख्यात वैज्ञानिक किसानों को बासमती धान की खेती एवं उसके बीज उत्पादन के बारे में विस्तार से जानकारी दी जाएगी।

संस्थान के संयुक्त निदेशक डॉ रितेश शर्मा ने बताया कि बीईडीएफ के द्वारा उपलब्ध कराए गए बीज को सिर्फ बासमती के लिए निर्धारित क्षेत्र में ही खेती के लिए इस्तेमाल करना चाहिए। इस क्षेत्र में सात राज्य आते हैं, जिनमें पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, दिल्ली, जम्मू कश्मीर एवं पश्चिमी उत्तर प्रदेश शामिल है। किसान भाई अपनी खेती की समस्याओं और जिज्ञासाओं का समाधान भी किसान बीज वितरण मेले में प्राप्त कर सकेंगे। डॉ रितेश शर्मा ने बताया कि बासमती की उच्च गुणवत्ता का बीज प्रथम आओ प्रथम पाओ के आधार पर किसानों को उपलब्ध कराया जाएगा।