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चारधाम की यात्रा को लेकर हिन्दू धर्म में मान्यता बेहद अहम है। इस वर्ष चार धाम की यात्रा 10 मई से शुरु हो चुकी है। इस यात्रा को लेकर भक्तों की भारी भीड़ उमड़ रही है। उत्तराखंड सरकार ने भीड़ के मद्देनजर वीआईपी दर्शन पर आगामी 10 जून तक के लिए रोक लगा रखी है।
वहीं चारधाम के कठिन रास्ते और भारी भीड़ के बीच 22 दिनों में लगभग 70 श्रद्धालुओं की मौत हो गई है। इनमें से केदरनाथ में 27, बद्रीनाथ में 22, गंगोत्री और यमुनोत्री में 21 लोगों की मौत हुई है। स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार ने कहा कि चार धाम यात्रा में दर्शन करने आने वाले 50 वर्ष से ऊपर के श्रद्धालुओं से उनकी पुरानी मेडिकल हिस्ट्री की जानकारी ली जा रही है।
उन्होंने बताया कि जैसे ही कोई श्रद्धालु अपना पंजीकरण कराता है तो उसकी मेडिकल हिस्ट्री भी पूछी जाती है। हालांकि अभी यह वॉलंटरी है, लेकिन बाद में इसे परमानेंट कर दिया जाएगा। आगे स्वास्थ्य विभाग चार धाम हेतु एक हेल्थ कार्ड भी डेवलप करना सोच रहा है। जिसे जल्द ही शुरू कर दिया जाएगा। हालांकि यदि मौत के आंकड़े की बात करें तो अस्पतालों में अगर कोई श्रद्धालु भर्ती हो गए हैं तो उनकी मौत नहीं होती है। आने वाले श्रद्धालुओं को लगातार विषम परिस्थितियों के विषय में स्वास्थ्य विभाग के द्वारा सचेत भी किया जा रहा है।