नवीन चौहान
हरिद्वार। जिला उपभोक्ता आयोग ने बैंक व बीमा कम्पनी के अधिकारियों को खाते की धनराशि एक लाख दो हजार 972 रुपये छह प्रतिशत वार्षिक ब्याज की दर से, क्षतिपूर्ति 10 हजार व शिक़ायत खर्च और अधिवक्ता फीस के रूप में 10 हजार रुपये शिकायत कर्ता को अदा करने के आदेश दिए हैं।
शिकायतकर्ता अर्चना अवधेश पुरी पत्नी अवधेश पुरी निवासी राजघाट कनखल ने स्थानीय ब्रान्च मैनेजर पंजाब नेशनल बैंक कनखल, शगूफा अंजुम, रिलेशनशिप मैनेजर पंजाब नेशनल बैंक कनखल, पीएनबी मेट लाईफ इंडिया इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड गोरेगांव मुंबई महाराष्ट्र व सर्किल हैड/डीजीएम पंजाब नेशनल बैंक सेक्टर फोर बीएचईएल रानीपुर के खिलाफ एक शिकायत दर्ज कराई थी। दायर शिकायत में बताया था कि वह 20 वर्षों से स्थानीय ब्रांच की ग्राहक चली आती हैं। मार्च 2018 में उसने बैंक की रिलेशनशिप मैनेजर के कहने पर पीपीएफ खाता खुलवाया था। जिसमें शिकायतकर्ता ने एक लाख दो हजार 972 रुपये की किश्त जमा कराई थी। फरवरी 2019 में जब वह उक्त सभी अधिकारियों से मिली, तो उन्होंने बताया कि तुम्हें पॉलिसी के सभी लाभ नहीं दे सकते हैं। जबकि पीपीएफ खाता खुलवाने से पहले उसे पॉलिसी के सभी लाभ देने का भरोसा दिलाया गया था।
शिकायत पर सुनवाई करने के बाद आयोग के अध्यक्ष कंवर सेन तथा सदस्यों अंजनी चड्ढा तथा विपिन कुमार ने विपक्षीगण को उपभोक्ता सेवा में कमी करने का दोषीकर्ता पाया है।