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डीएवी सेंटेनरी पब्लिक स्कूल जगजीतपुर में हरेला पर्व बड़े ही उत्साह और उमंग के साथ मनाया गया। इस दौरान जहां स्कूल के छोटे बच्चों ने पेड़ पौधें लगाकार प्रकृति को संरक्षित किये जाने का संदेश दिया वहीं इस अवसर पर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। स्कूल के प्रधानाचाय मनोज कुमार कपिल ने हरेला पर्व के बारे में विस्तार से बताया।

देवभूमि उत्तराखंड का महापर्व हरेला यहां की एक प्राचीन और पौराणिक परंपरा है। जो प्रकृति और मानसून के मौसम की शुरुआत का जश्न मनाता है। यह पर्व अच्छी फसल, हरियाली और ऋतु परिवर्तन का सूचक माना जाता है। पहाड़ों में मान्यता है कि यदि हरेला के दिन पौधारोपण किया जाए तो वह पौधे सूखते नहीं है और अच्छी तरह फलते-फूलते हैं। हरेला-पूजन करने से घर में सुख-समृद्धि व खुशहाली आती है।

हरेला के पर्व से सावन का आरंभ माना जाता है। इस दौरान उत्तराखंड के स्कूलों व कॉलेजों में कई महत्वपूर्ण रंगारंग कार्यक्रमों का आयोजन होता है। जिससे युवा पीढ़ी को इस पारंपरिक त्योहार के बारे में शिक्षित किया जा सके। इस अभियान के तहत दिनांक 15.07.2024 एवं 16.7.2024 को डीएवी सेंटेनरी पब्लिक स्कूल, जगजीतपुर, हरिद्वार के प्रांगण में हरेला पर्व पर विभिन्न प्रकार के शैक्षणिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया।

कक्षा छठी, सातवीं एवं दसवीं के विद्यार्थियों ने पर्यावरण संरक्षण व जागरूकता का संदेश देते हुए मार्च किया। एक ओर कक्षा छठी व सातवीं के विद्यार्थियों द्वारा विद्यालय परिसर में विभिन्न प्रकार के फलदार और छायादार प्रजातियों के पौधों का रोपण किया गया। वहीं दूसरी ओर हरेला पर्व पर प्रकृति से संबंधित पोस्टर व कोलाज निर्माण द्वारा विद्यार्थियों ने अपनी रचनात्मकता का अद्भुत परिचय दिया।

इसी श्रृंखला में कक्षा तृतीय एवं चतुर्थ के होनहार नन्हें छात्र-छात्राओं ने हरेला पर्व पर आधारित सुमधुर लोकगीत पर नृत्य करते हुए सबको मंत्रमुग्ध कर दिया। विद्यालय प्रधानाचार्य मनोज कुमार कपिल ने हरेला पर्व पर विद्यार्थियों के साथ-साथ शैक्षणिक और गैर शैक्षणिक कर्मचारियों सहित विभिन्न फलदार और औषधीय पौधों का रोपण करते हुए अपने संदेश में कहा कि हरे-भरे पेड़ न केवल जीवन देते हैं बल्कि कई बीमारियों को भी दूर करते हैं।

उन्होंने कहा कि यह पर्व पूरे उत्तराखंड में मनाए जाने वाला मुख्य पर्व है। हरेला पर्व प्रकृति से खुद को जोड़ने का पर्व है। इस पर्व से सामुदायिक भावना और प्रकृति के प्रति सम्मान को बढ़ावा मिलता। इसलिए हमें प्रकृति के प्रति अपने दायित्व का पालन करना चाहिए। इस दिन सभी लोगों को पर्यावरण संरक्षण का संकल्प लेना चाहिए। प्रतिवर्ष कम से कम एक पेड़ लगाकर हम प्रकृति के प्रति अपनी कृतज्ञता व्यक्त करते हैं।

कार्यक्रम के आयोजन में विद्यालय के ईको क्लब, एनएसएस स्वयंसेवी तथा सामाजिक विज्ञान विभाग के सभी अध्यापकों एवं बच्चों ने बड़ी ही उत्सुकता से प्रतिभाग किया गया। कार्यक्रम को सफल बनाने में पर्यवेक्षिका कुसुम बाला त्यागी, हेमलता पाण्डेय, ईको क्लब के अंशुल शर्मा तथा एनएसएस की कार्यक्रम अधिकारी पूनम गक्खड़ का सहयोग रहा।

कार्यक्रम के परिपेक्ष्य में प्रधानाचार्य मनोज कुमार कपिल का त्वरित एवं कुशल मार्गदर्शन हर कार्यक्रम की सफलता का महत्वपूर्ण बिंदु है। उन्होंने बच्चों को यह भी बताया कि हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस वर्ष पर्यावरण दिवस पर एक पेड़ मां के नाम लगाने का संदेश दिया। आप सभी बच्चे इस महापर्व पर भी एक पेड़ धरती मां के नाम जरूर लगाएं और धरा को हरा भरा बनाएं।
