हरिद्वार के व्यापारियों को अच्छे दिनों का इंतजार, दुकानों से ग्राहक गायब




नवीन चौहान
कोराना संक्रमण काल ने हरिद्वार के व्यापारियों की अर्थव्यवस्था को बिगाड़ कर रख दिया है। व्यापारी वर्ग मानसिक रूप से टूट चुका है। लेकिन व्यापारियों ने हिम्मत नही हारी है। व्यापारी अच्छे दिनों के इंतजार में है। कारोबार के दोबारा से पटरी पर आने की नई उम्मीद की किरण संजोए हुए व्यापारी खुद को हिम्मत दे रहे है। दुकानों से ग्राहक गायब है। फिर भी अपने प्रतिष्ठान खोल रहे है। लेकिन सरकार की ओर से बेरूखी व्यापारियों को मानसिक आघात पहुंचा रही है। देखना होगा कि कारोबार को एक बार फिर से खड़ा होने में कितना वक्त लगेगा। हालांकि ये कोरोना से जंग लंबी है। ऐसे में व्या​पारियों को अपना धैर्य बनाकर रखना होगा।
22 मार्च को जनता क्रफ्यू के साथ शुरू हुई कोरोना से जंग ने देश की अर्थव्यवस्था की हालत बिगाड़ दी। देशभर में कारोबार प्रभावित हो गए। लेकिन हरिद्वार की बात करें पर्यटन और आध्यात्मिक नगरी होने के साथ ही यहां का कारोबार पूरी तरह से ठप्प पड़ चुका है। मुख्य हरिद्वार की बात करें तो कोरोना संक्रमण काल में लॉक डाउन के बाद से हरिद्वार का बाजार बंद है। लॉक डाउन खुला तो बाजार सूने हो गए। पर्यटकों की आवाजाही बंद होने के चलते दुकानों के शटर नही खुल पाए। जिन दुकानदारों ने अपपी दुकानों के शटर खुले वो एक दो दिन बाद बंद करके घर बैठ गए। दुकानों पर कार्य करने वाले तमाम युवक बेरोजगार हो गए। चार धाम यात्रा बंद होने का सीधा असर हरिद्वार के कारोबारियों पर पड़ा। कुल मिलाकर कहा जाए तो व्यापारियों की आंखों में आंसू है। बस छलक नही रहे। व्यापारी नेता और समाजसेवी विशाल गर्ग ने बताया कि कोरोना संक्रमण के बाद से हरिद्वार का कारोबार पूरी तरह से चौपट हो गया है। व्यापारियों के लिए सरकार को कोई ठोस पहल करनी चाहिए। व्यापारी सरकार का अभिन्न अंग है। ऐसे में इस आपदा के वक्त में सरकार को व्यापारियों के प्रति अपनी जिम्मेदारी को निभाना होगा। राज्य सरकार को व्यापारियों के हितों को ध्यान में रखते हुए आर्थिक पैकेज की घोषणा करनी होगी। ताकि मध्यमवर्गीय और कमजोर व्यापारी एक बार फिर से अपने कारोबार को जमा सके। कुछ ऐसा ही दर्द ज्वालापुर के व्यापारियों का है। ज्वालापुर में दुकाने तो खुली है लेकिन ग्राहक गायब है। स्थानीय ग्राहकों से कारोबार करने वाले दुकानदारों पर बौनी बटटे तक नही हो रहे है। ग्राहक आवश्यक जरूरी सामान ही खरीद रहे है। इसके अलावा तमाम दुकानदार खाली बैठे है। पानीपत साड़ी शोरूम के व्यापारी पुनीत गोयल ने बताया कि कई —कई दिनों तक तो शोरूम पर कोई ग्राहक ही नही आ रहा है। कर्मचारियों का वेतन अपनी जमा पूंजी से दे रहे है।

हरिद्वार का प्रॉपर्टी कारोबार चौपट
हरिद्वार का प्रॉपटीॅ कारोबार पूरी तरह से चौपट हो गया है। बिल्डरों के अपार्टमेंट बिकने को तैयार नही है। बिल्डरों पर कर्ज के ब्याज का बोझ बढ़ता जा रहा है।



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