उम्मीद: चार महीने के भीतर भारत को मिल जाएगा कोरोना का टीका




सीरम इंस्टीटूयट के सीईओ ने लोगों को भरोसा दिया

नवीन चौहान
कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच राहत की एक उम्मीद नजर आयी है। सीरम इंस्टीटूयट के सीईओ ने लोगों को भरोसा दिया है कि अगले चार महीने के भीतर भारत में कोरोना का टीका आम लोगों को उपलब्ध हो जाएगा। सीईओ अदार पूनावाला ने यह जानकारी एक मीडिया समूह के लीडरशिप समिट में कही। उन्होंने यह भी कहा कि टीका तैयार होने के साथ साथ पांच अन्य चीजों पर भी दिलचस्पी जरूरी है। जिनमें बजट, टीका, रखरखाव, बुनियादी इंफ्रास्ट्रकर तथा टीका लगवाने में लोगों की रूचि शामिल है। उन्होंने कहा कि देश के अंदर टीका लगने का कार्य 2024 तक ही पूरा हो सकेगा।

अदार पूनावाला ने यह भी जानकारी दी कि अभी तक परीक्षण के दौरान जिन्हें टीका दिया गया है उनमें बुखार, सिरदर्द और कमजोरी जैसे लक्षण दिखें है, लेकिन यह सब पैरासिटामोल देने से ही ठीक हो जाती हैं। उन्होंने टीके को पूरी तरह सुरक्षित बताया है। जिस तरह से टीका तैयार करने में जुटे संस्थान दावे कर रहे हैं उससे उम्मीद है कि अगले तीन से चार महीने में कोरोना को मात देने के लिए टीका मिलना शुरू हो जाएगा। टीका बाजार में आने के बाद यह सबसे पहले 60 साल से अधिक की उम्र वालों को देने की तैयारी की जा रही है। इसके अलावा छोटे बच्चों को भी गाइड़ लाइन के अनुसार टीकाकरण किया जाएगा।

देश की 150 करोड़ जनता को यह टीका लगाना आसान काम नहीं होगा। इसके लिए पूरी रणनीति के साथ सरकार और स्वास्थ्य विभाग को काम करना होगा। टीके को सुरक्षित रखना भी एक चुनौती होगा। बताया जा रहा है ​कि यह टीका कम तापमान पर ही सुरक्षित रखा जा सकता है, ऐसे में ग्रामीण इलाकों तक इस टीका को सुरक्षित पहुंचना चुनौती भरा काम होगा। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार उम्मीद जतायी जा रही है कि ब्रिटेन के नतीजे दो से तीन सप्ताह में और भारत के नतीजे डेढ़ से दो महीने में आ जाएंगे।

जब तक टीका नहीं तब तक सावधानी जरूरी
विशेषज्ञ मानते हैं कि आने वाले दिन और अधिक चुनौती वाले हैं। कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर अपना असर दिखा रही है, इसलिए जब तक कोरोना वैक्सीन बनकर बाजार में नहीं आ जाती तब तक इससे बचने के लिए सावधानी बेहद जरूरी है। घर से बाहर निकलते समय हमें सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ख्याल रखना होगा। मॉस्क का हर हाल में इस्तेमाल करना होगा ताकि एक दूसरे के संपर्क में आने से होने वाले संक्रमण से बचा जा सके।



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