- डीआईजी कलानिधि नैथानी ने बागपत में किया वार्षिक निरीक्षण
न्यूज 127.
डीआईजी मेरठ रेंज कलानिधि नैथानी द्वारा बुधवार 9 अप्रैल को जनपद बागपत की विभिन्न शाखाओं का वार्षिक निरीक्षण किया। इन शाखाओं में एलआईयू, अभियोजन, मानिटिरंग सेल/सम्मन सेल, शिकायत प्रकोष्ठ, विशेष जांच प्रकोष्ट, महिला सहायता प्रकोष्ठ, आईजीआरएस शाखा शामिल रही। वार्षिक निरीक्षण के दौरान डीआईज ने कार्यों की समीक्षा करते हुए दिशा निर्देश दिये। निरीक्षण के दौरान पुलिस अधीक्षक बागपत अर्पित विजयवर्गीय, अपर पुलिस अधीक्षक नरेन्द्र प्रताप सिंह, अपर निदेशक अभियोजन आलोक पाण्डेय, संयुक्त निदेशक अभियोजन शिवप्रसाद सहित अन्य अधिकारीगण मौजूद रहे।
एलआईयू की समीक्षा:—
डीआईजी ने पुलिस कार्यालय का भ्रमण कर उच्चीकृत करने के दिये दिशा निर्देश। कहा कि सूचना एकत्र करने में एलआईयू अपना दायरा बढाये और सभी लोग सतर्क रहकर सूचना एकत्र करें। एलआईयू कर्मचारियों को बीट की सही जानकारी नहीं है, सभी कर्मियों की काबिलियत के हिसाब से बीट आवंटित किया जाये। वक्फ बिल पर विशेष सतर्कता बरतें। बीट कर्मी विस्तृत सूचना प्रेषित करें, यदि किसी बीट में प्रायोजित अपराध हो रहा है तो बीट कर्मी के कार्यों की समीक्षा करें। सभी एलआईयू कर्मी अपनी बीट में रहें मुख्यालय से बीट न चलाये । शहर एलआईयू की बीट मे कम से कम एक उ0नि नियुक्त करें, जो सीधे एएसपी/ एसपी को रिपोर्ट करें। एलआईयू के सभी बीट आरक्षी थाना प्रभारी से प्रतिदिन मिलें एवं उ0नि0 सम्बन्धित सीओ से मिले। बीट प्रभारी देखें की नये नये दल कलैक्ट्रेट मे ज्ञापन देते है, उनके कार्ड जारी करें तथा जो लोग आदतन धरना प्रदर्शन कर रहे है, उनके कार्ड खोले जाये। जनपद मे घटित होने वाली छोटी से छोटी साम्प्रदायिक घटनाओ पर एलआईयू सतर्क दृष्टि रखते हुए उच्चाधिकारियों को अवगत कराए। विदेशी नागरिको के आवागमन पर विशेष ध्यान दिया जाये इसके लिए होटल आदि समय से सूचना दें, विलंब करने या सूचना छिपाने पर होटल को नोटिस जारी करें एवं विदेशी अधिनियम में मुकदमा दर्ज कर आवश्यक कार्यवाही करें। विभिन्न जमात मे जनपद मे आने वाले व जमात के लिए बाहर जाने वाले लोगो के बारे में आसूचना संकलन कर वरिष्ठ अधिकारियों को समय से अवगत कराए । प्रतिक्षार निरीक्षक सभी थानो का आर्मस एमुनेशन चैक कराकर आवश्यकतानुसार आवंटित करें।
अभियोजन समीक्षाः-
नये कानून के सम्बन्ध में सेमिनार करायें एवं ई-साक्ष्य ऐप का ज्यादा से ज्यादा प्रयोग करें। बरामदगी वाले समस्त प्रकरणो में ई-साक्ष्य ऐप का प्रयोग करें। एसपी सुनिश्चित करें कि प्रत्येक थाने पर एक रजिस्टर माननीय उच्च न्यायालय के आदेश / निर्देशो का बनाये, माननीय उच्च न्यायालय से जो भी निर्देश जारी हो उनकी एन्ट्री उस रजिस्टर मे की जाये। माननीय न्यायालय के प्रोसेस की शत प्रतिशत तामील की जाये। सबसे पुराने केस कौनसे है, इसकी सही जानकारी कर ली जाये। पुलिस और अभियोजन शाखा समन्वय से काम करते हुए ज्यादा से ज्यादा अभियोगो का निस्तारण कराकर सजा करायें। सम्मन/ वारण्ट तामीला की स्थिति स्पष्ट कर लें, जिन थानो पर कुर्की वारण्ट ज्यादा है और तामीला समय से नही हो पा रहा है, उनकी समीक्षा की जाये। थाना चाँदीनगर पर 176 एनबीडब्लू के सापेक्ष मात्र 07 अभियुक्त गिरफ्तार हुए एवं थाना बडौत पर 03 माह में मात्र 20 एनबीडब्लू तामील हुए, जो कि आपत्तिजनक है। सम्बन्धित को सचेत किया गया। सबसे खराब तामील करने वाले थानो की समीक्षा की जाये। मॉनिटरिंग सैल चिन्हित केसो में अपने जनपद में नियुक्त सरकारी गवाहो की गवाही सुनिश्चित करायें। प्रदेश स्तर पर चिन्हित 11 माफियाओं मे से 06 बागपत के है, इसीलिए मॉनिटरिंग सैल की अधिक सक्रियता आवश्यक है। थाने के रजिस्टर में सभी प्रविष्टी पूर्ण हो, कोर्ट पैरोकार जो भी सम्मन वारण्ट लेकर जाये उसकी थाने मे प्रतिदिन जीडी में एन्ट्री होनी चाहिए।
महिला प्रकोष्ठ:-
महिला एवं बाल सुरक्षा संगठन के अन्तर्गत प्रदेश सरकार द्वारा अपेक्षित कार्य किया जाये।
01 फार्म सभी थानो को दें, जो पति पत्नी के झगडे से सम्बन्धित हो। सीसीटीएनएस वाले उसे महिला प्रकोष्ठ को मेल कर दें ताकि काउन्सलिंग की तिथि जल्दी मिल जाये। अनावश्यक रूप से पैंडिंग फाईलो को तत्काल बन्द करें। यदि पीडिता घायल है तो उसका तत्काल मुकदमा दर्ज करें, अनावश्यक रूप से काउन्सलिंग के लिए न भेजे। महिला हेल्प डेस्क पर प्राप्त प्रार्थना पत्रों की साप्ताहिक समीक्षा करे एवं महिलाओं की सुरक्षा को शीर्ष प्राथमिकता पर रखा जाए। महिला एवं बच्चो से सम्बंधित अपराधों में गम्भीरता से करें त्वरित कार्यवाही, ऐसे अपराधों में संलिप्त अपराधियों के विरूद्ध एचएस/गुण्डा/ गैंगेस्टर आदि की प्रभावी कार्यवाही करते हुए रखी जाये निगरानी। एंटी रोमियों स्क्वाड को निरन्तर क्रियाशील रखते हुए महिलाओं एवं बालिकाओं की सुरक्षा सुनिश्चित किये जाने के निर्देश दिये गये।
शिकायत प्रकोष्ठ, आईजीआरएस:–
जनसुनवाई के दौरान शिकायतकर्ताओं की समस्याओं को गम्भीरता से सुनकर शासन के मंशानुरूप पूर्ण मनोयोग से उनकी समस्याओं के विधिक निस्तारण हेतु निर्देशित किया गया। सरकारी विभागो से प्राप्त रजिस्ट्री/ पत्रो को पुलिस अधीक्षक स्वयं देखें। जीबीआर, पीवीआर रजिस्टर में सभी कॉलम स्पष्ट हो तथा प्राप्ति का दिनांक एवं जाँच भेजने का दिनांक स्पष्ट हो। पुलिस कर्मियों को फरियादियों से अच्छे व्यवहार करने व उनकी समस्याओं को सुनकर गुणवत्तापूर्ण निस्तारण हेतु निर्देशित किया गया। जनशिकायतों का शासन की मंशानुसार समयबद्ध निस्तारण किए जाने के निर्देश दिए गए। ई.जी.आर.एस. प्रणाली से प्राप्त शिकायतों का उच्चकोटि की गुणवत्तापूर्ण एवं समयबद्ध निस्तारण करे।