सिख विरोधी दंगे के दोषी सज्जन कुमार को मां गंगा ने भी नहीं किया माफ, जानिए पूरी खबर




नवीन चौहान, हरिद्वार। सिख विरोधी दंगे के आरोपी सज्जन कुमार को 34 साल बाद दिल्ली हाईकोर्ट ने दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई हैं। इसी सज्जन कुमार ने अपने पाप के लिये मां गंगा के चरणों में बैठकर पूजा अर्चना की थी और पश्चाताप के लिये आंसू बहाये थे। साल 2012 में निचली अदालत के फैसले के बाद एक रात्रि को हरिद्वार पहुंचे सज्जन कुमार ने हरकी पैड़ी पहुंचकर पूजा अर्चना की। सज्जन कुमार ने मां गंगा ने अपने लिए प्रार्थना की थी।
बताते चले कि साल 1984 में सिख विरोधी दंगे हुए और कई निर्दोष सिखों को जान गंवान पड़ी। इस मामले में कांग्रेसी नेता सज्जन कुमार पर दंगे भड़काने, हत्या, साजिश सहित कई आरोप लगे। दिल्ली की निचली अदालत में कई दशकों तक मुकदमा चला। निचली अदालत ने आरोपी कांग्रेसी नेता सज्जन कुमार को बरी कर दिया। निचली अदालत का फैसला साल 2012 में आया। इस फैसले के बाद सज्जन कुमार एक रात्रि उत्तरी हरिद्वार के एक आश्रम पहुंचे। तड़के करीब चार बजे एकाएक सज्जन कुमार मां गंगा से अपने जीवन की प्रार्थना करने के लिये हरकी पैड़ी पहुंच गए। उत्तराखंड की तत्कालीन कांग्रेस सरकार की ओर से सज्जन कुमार के लिए पुलिस सुरक्षा दी गई। सज्जन कुमार ने करीब दो घंटे तक हरकी पैड़ी पर बैठकर मां गंगा के सामने पूजा अर्चना की। सज्जन कुमार पूजा करने के बाद दिल्ली रवाना हो गए। लेकिन इसी मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने 34 साल बाद आखिरकार सज्जन कुमार को दोषी पाया और आजीवन कारावास की सजा सुनाई। 31 दिसंबर तक सज्जन कुमार को सरेंडर करने का आदेश दिया गया है। कोर्ट के इस निर्णय के बाद एक बात तो साफ हो गई कि पाप करने वालों को मां गंगा भी माफ नहीं करती है।



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