हरिद्वार। तीर्थनगरी के नील पर्वत पर स्थित मां चण्डी देवी मंदिर में चण्डी चौदस के मेले में बुधवार को हजारों श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी। लोगों ने मंदिर में माता के समक्ष माथा टेक सुख-समृद्धि की कामना की।
बुधवार को चण्डी चौदस पर वर्षों से चले आ रहे चण्डी चौदस मेले को आयोजन हुआ। मां चण्डी के दर्शन के लिए प्रातः से श्रद्धालुओं का मंदिर पहंुचने का सिलसिला जारी हो गया था। भीषण गर्मी में भी दो किलोमीटर की पहाड़ की चढ़ाई श्रद्धालुओं की आस्थ को नहीं डिगा पाई। लोग मां के जयघोष करते हुए मंदिर की ओर कूच करते रहे। पूरे दिन भर चण्डी मंदिर में श्रद्धालुओं का मां के दर्शनों के लिए तांता लगा रहा। इसी के साथ नवरात्र की समाप्ति भी हो गई। विदित हो कि चण्ड-मुण्ड नामक राक्षसों को वध करने के बाद मां ने यहां विश्राम किया था। चण्ड-मुण्ड को मारने के कारण ही माता का नाम चण्डी पड़ा। यहां मूर्ति की स्थपाना शंकराचार्य ने आठवीं शताब्दी में की थी। तथ मंदिर का निर्माण कश्मीर के राजा चतरसिंह ने 1929 में करवाया था। चैत्र व अश्विन मास की चैदस तिथि को यहां प्रतिवर्ष मेले का आयोजन होता है। इस बार भी हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने चण्डी मंदिर पहुंच माता के दर्शन किए तथा मेले का आनन्द उठाया।