हरिद्वार के एक लाख छात्रों और पांच हजार शिक्षकों ने लिया गंगा को स्वच्छ रखने का संकल्प




सोनी चौहान
हरिद्वार के लगभग ग्यारह सौ से अधिक विद्यालयो में आज 12 फरवरी 2020 को प्रार्थना सभा के समय लगभग एक लाख छात्र छात्राओं और 5000 शिक्षकों ने स्पर्शगंगा अभियान के अंतर्गत मां गंगा, भारत माँ, अपने विद्यालय, आसपड़ोस और अपने शहर को स्वच्छ रखने का संकल्प लिया। साथ ही गंगा को साफ और स्वच्छ रखने का संदेश भी दिया गया।
राजकीय कन्या इंटर कालेज ज्वालापुर में आयोजित कार्यक्रम में भाग लेते अपर मेला अधिकारी ललित नारायण मिश्र ने कहा कि गंगा नदी से करोड़ों लोग पानी पीते है। इसे स्वच्छ रखना हम सबकी की जिम्मेदारी है। वह लोग भाग्यशाली है जो गंगा के किनारे बसे हैं। इसलिए इसके किनारे बसे लोगों की महत्वपूर्ण भूमिका हो जाती है कि इसे साफ व स्वच्छ रखें।
बहादराबाद खण्ड शिक्षा अधिकारी अजय कुमार चौधरी ने कहा कि घर के कूड़े और कचरे को गंगा के किनारे फेकने के बजाय उसे एक जगह एकत्रित कर सही तरीके से निस्तारण किया जाना चाहिए।
कार्यक्रम संयोजिका रीता चंमोली ने कहा कि विद्यालय में बच्चों को स्वच्छता व स्वास्थ्यप्रद आदतों की न सिर्फ जानकारी दी जानी चाहिए। अपितु नियमित अभ्यास भी कराया जाना चाहिए। जिससे छात्र छात्राएं इन्हें अपने जीवन में अपना सकें और परिवार व समुदाय में स्वच्छ परिवेश विकसित करने में अपना योगदान दे सकें।
मनु रावत ने कहा कि पर्यावरण की स्वच्छता व सामुदायिक स्वास्थ्य में सुधार से ही आर्थिक उन्नति का मार्ग प्रशस्त हो सकेगा। रीमा गुप्ता ने बताया कि बच्चों के स्वास्थ्य में सुधार व स्वास्थ्यप्रद परिवेश के विकास से बच्चों की प्रशस्त हो सकेगा। बच्चों के स्वास्थ्य में सुधार व स्वास्थ्यप्रद परिवेश के विकास से बच्चों को सीखने-समझने में वृद्धि होगी। इससे उनकी शैक्षिक उपलब्धियों में गुणात्मकता परिलक्षित होगी।
कार्यक्रम सह संयोजक आशु चौधरी ने सभी को गंगा की स्वच्छता का संकल्प दिलाया और सभी को गंगा की स्वछता और अविरलता के लिए प्रेरित किया।
प्रधानाचार्या पूनम राणा ने कहा कि जब बच्चा छोटा होता है तो हम तभी से उसे अच्छी आदतें सिखाते हैं। जिनमें स्वच्छता भी शामिल होती है, ठीक इसी प्रकार हमें बच्चों को व्यक्तिगत सफाई के साथ-साथ अपने परिवेश कि सफाई भी सिखाना चाहिये। उन्हे बताना चाहिये कि देश और माँ गंगा को स्वच्छ रखना हमारा कर्तव्य है।
विशाल गर्ग ने कहा कि एकल उपयोग प्लास्टिक का उपयोग ना करने का संकल्प लेना चाहिए। यह जलीय जीवन मानव जीवन और मृदा के लिए अत्यंत खतरनाक है और इसका उपयोग कम से कम किया जाना चाहिए तभी हम सब अपनी प्रकृति पर्यावरण और परिवारों को सुरक्षित रख सकते हैं।
कार्यक्रम में विनीत चौधरी, शीतल पुंडीर, मनु रावत, रजनीं वर्मा, मीनू शर्मा, रूबी बेगम, अंशु तोमर, वीर गुज्जर, मोहित उपस्थित रहें।



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