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सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में फिलीपिंस का एक तीन सदस्य दल धान की सीधी बुवाई देखने के लिए कृषि विवि के अनुसंधान फार्म पर पहुंचा। यहां उन्होंने जाना कि सीधी बुवाई से धान की बुवाई पश्चिम उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए कितनी लाभकारी हो सकती है।
इस दल में अंतर्राष्ट्रीय अनुसंधान संस्थान मनीला फिलिपींस की वैज्ञानिक एलिलिया हेनरी एवं वैज्ञानिक मेंग तथा हरियाणा के वैज्ञानिक डॉक्टर जागमीर सिंह मौजूद थे। उन्होंने कृषि विश्वविद्यालय में धान की सीधी बुवाई विधि से लगाए गए धान का फिजियोलॉजिकल डाटा लिया।
इस परियोजना की शुरुआत के लिए कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर केके सिंह ने अंतर्राष्ट्रीय अनुसंधान केंद्र मनीला फिलिपींस के साथ 2023 में एमओयू किया। इसके उपरांत इस परियोजना का परियोजना अन्वेषक प्रोफेसर शालिनी गुप्ता एवं सहायक परियोजना अन्वेषक डॉक्टर आदेश को बनाया गया था। विगत वर्ष परीक्षण के दौरान इस विधि के अच्छे परिणाम प्राप्त हुए थे।
एलिया हेनरी ने कहा की जलवायु परिवर्तन के इस दौर में जब हमारे सामने जल गर्मी तथा लेबर समस्याएं बढ़ती जा रही हैं जिससे भविष्य में धान की सीधी बुवाई किसानों के लिए लाभकारी साबित हो सकेगी जिससे हम फसल का अच्छा उत्पादन ले सकेंगे इसके लिए प्रोटोकॉल विकसित किया जा रहा है पश्चिम उत्तर प्रदेश के लिए जो भी प्रजाति अच्छी निकलेगी उसको आगे किसानों को रिकमेंड की जाएगी जिससे उनका अच्छा उत्पादन प्राप्त हो सके।
परियोजना अन्वेषक प्रोफेसर शालिनी गुप्ता ने बताया कि इस परियोजना के तहत 100 ग्राम प्लाजो विश्वविद्यालय के शोध निदेशालय के शोध फील्ड पर लगाए गए हैं। इसके अच्छे परिणाम दिखाई दे रहे हैं। पेड़ों पर फ्रूटिंग अच्छी है उनकी हाइट भी ठीक है जिससे वह अधिक बारिश और हवा के कारण गिरने की समस्या से भी बच सकेंगे। प्रोफेसर शालिनी गुप्ता ने बताया धान की सीधी बुवाई भविष्य के लिए काफी लाभकारी साबित होगी।
भ्रमण के दौरान प्रोफेसर आर एस सेंगर, निदेशक शोध प्रोफेसर कमल, प्रोफेसर शालिनी गुप्ता, डॉक्टर आदेश, मिताली अरोड़ा, आदित्य, उद्देश्य त्यागी, मनीष राणा आदि छात्र-छात्राएं भी उपस्थित रहे।