हरिद्वार। सर हमारे पैंसों का क्या होगा। सर कब तक मिल सकते है हमारे पैंसे। सर कुछ पता चल पाया। सर सविंदर की संपत्ति का कुछ पता चला। कुछ इसी प्रकार के सैंकड़ों लोगों के सवालों का सामना हरिद्वार पुलिस रोजाना कर रही है। ये सवाल किट्टी में करोड़ों की रकम गंवाने वाले हजारों पीड़ितों के है। पीड़ितों को उनकी रकम दिलाने के लिये हरिद्वार पुलिस हर संभव प्रयास कर रही है। हालांकि इस पूरे प्रकरण में पुलिस के चक्कर लगाने वाले हजारों पीड़ित अपने लालच के चलते आज मुसीबत में है। लेकिन पीड़ितों का लालच पुलिस के गले की फांस बन गया है।
हरिद्वार के रानीपुर मोड़ स्थित जीआईजी मार्ट में सविंदर और गुरमीत कौर किट्टी का अवैध धंधा चलते थे। सविंदर और गुरमीत के झांसे में आकर शहर के हजारों लोगों ने करोड़ों की रकम निवेश कर दी। 9 अगस्त को गुरमीत के अचानक शहर से गायब होने की खबर ने किट्टी में निवेश करने वालों की नींद उडा दी। पीड़ितों ने सविंदर की घेराबंदी के लिये जीआईजी मार्ट पर डेरा डाला तो उसकी पत्नी गुरमीत कौर लोगों के सामने आ गई। पीड़ितो की शिकायत पर गुरमीत कौर को गिरफ्तार कर लिया गया। जबकि फरार सविंदर ने कोर्ट में सरेंडर कर दिया। इस हाईप्रोफाइल प्रकरण में रकम गंवाने वाले हजारों पीड़ितों को कोई इंसाफ नहीं मिल पाया। आरोपियो के जेल जाने के बाद पीड़ित लोग पुलिस से रकम मिलने के संबंध में लगातार पूछताछ कर रहे है। जबकि पुलिस को सविंदर से करोड़ों की रकम का कोई सुराग नहीं मिल पाया। ऐसी स्थिति में सवाल उठता है कि पीड़ितों की रकम कहां से और कैसे मिल पायेगी। तमाम पीड़ित पुलिस से कोतवाली जाकर यही पूछ रहे है कि सर हमारे पैंसे का क्या होगा। वही इस पूरे प्रकरण में हरिद्वार एसएसपी कृष्ण कुमार वीके ने पुलिस की लंबी चौड़ी फौज तफ्तीश में लगा दी है। एसएसपी के मार्ग दर्शन में एसपी क्राइम के नेतृत्व में एसआईटी और नगर कोतवाली के प्रभारी चंद्रभान सिंह अधिकारी समेत करीब 12 लोग सविंदर की संपत्ति और पीड़ितों की रकम का मिलान करने में लगे है। पुलिस का कहना है कि पीड़ितों को रकम कोर्ट से ही मिल पायेगी। पीड़ितों को उनकी मेहनत की कमाई मिल जाये इसके लिये पुलिस हरसंभ भरसक प्रयास कर रही है।
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