नवीन चौहान,
हरिद्वार। उत्तराखण्ड सरकार ने गुरूकुल आयुर्वेदिक काॅलेज के असिस्टेंट प्रोफेसर डाॅ. प्रेमचन्द शास्त्री को उत्तराखण्ड संस्कृत अकादमी का उपाध्यक्ष नियुक्त कर महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी है। आरएसएस पृष्ठभूमि से जुड़े डाॅ. प्रेमचन्द शास्त्री ने संस्कृत भाषा के उत्थान के लिए महती भूमिका निभाई है। इसी के साथ संस्कृत पढ़ने वाले छात्रों को समाज में आगे बढ़ाने का कार्य किया है। उनके इसी उल्लेखनीय कार्य को देखते हुए सरकार ने उत्तराखण्ड संस्कृत अकादमी में उपाध्यक्ष की कुर्सी सौंपी है। उत्तराखण्ड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के गुरूकुल परिसर में संस्कृत संहिता सिद्धांत विभाग में अध्यक्ष एवं प्रोफेसर के पदों पर कार्यरत है। ऋषिकुल वि़द्यापीठ संस्कृत महाविद्यालय में प्राचार्य की जिम्मेदारी निभा चुके है। वर्तमान में गुरूकुल आयुर्वेदिक काॅलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर कार्य करते हुए बीएएमएस के छात्रों को संस्कृत का ज्ञान दे रहे है। गुरूवार को अकादमी के सचिव गिरधर सिंह भाकुनी ने प्रोफेसर प्रेमचन्द शास्त्री को उपाध्यक्ष के पद पर पदभार ग्रहण कराया। पदभार ग्रहण करने के दौरान क्षेत्रीय संगठन मंत्री प्रताप सिंह, शोध अधिकारी डाॅ. हरिचन्द गुरूरानी सहित अकादमी के सभी अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित रहे। प्रो. प्रेमचन्द शास्त्री ने कहा कि वह संस्कृत के उत्थान के लिए पूर्व की भांति कार्य करते रहेंगें।