नवीन चौहान.
नैनीताल हाईकोर्ट ने उत्तराखंड विधानसभा सचिवालय से बर्खास्त कर्मचारियों को बहाल करने के एकलपीठ के आदेश को निरस्त कर दिया है। कोर्ट ने इन कर्मियों को बर्खास्त करने के विधानसभा सचिवालय के आदेश को सही ठहराया।
उत्तराखंड विधानसभा में हुईं भर्तियों की जांच के लिए बनी तीन सदस्यीय विशेषज्ञ जांच समिति की रिपोर्ट की सिफारिश के आधार पर 2016 में हुईं 150 तदर्थ नियुक्तियां, 2020 में हुईं छह तदर्थ नियुक्तियां, 2021 में हुईं 72 तदर्थ नियुक्तियां और उपनल के माध्यम से हुईं 22 नियुक्तियां रद्द की गई थी।
याचिका पर सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी एवं न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खंडपीठ ने कहा कि बर्खास्तगी के आदेश को स्थगित नहीं किया जा सकता है। विधानसभा सचिवालय से बर्खास्त कर्मचारी बबिता भंडारी, भूपेंद्र सिंह बिष्ट, कुलदीप सिंह व 102 अन्य की ओर से दायर याचिका पर हाईकोर्ट की एकलपीठ ने इन कर्मियों को बहाल करने के आदेश दिए थे।
इसके बाद विधानसभा सचिवालय की ओर से स्पेशल अपील के जरिये बहाली आदेश को खंडपीठ के समक्ष चुनौती दी गई थी। कहा था कि इनकी नियुक्ति कामचलाऊ व्यवस्था के तहत की गई थी। शर्तों के अनुसार इनकी सेवाएं कभी भी बिना नोटिस और बिना कारण के समाप्त की जा सकती हैं। खंडपीठ ने एकलपीठ के आदेश को निरस्त करते हुए विधानसभा सचिवालय के आदेश को सही ठहराया है।