नवीन चौहान, हरिद्वार।
अक्सर जब कोई पुलिस कप्तान किसी दारोगा और थाना प्रभारी को निलंबित करता है तो इसे सामान्य घटना मानकर भूल जाता है। निलंबित दारोगा को अपना पक्ष रखने का मौका तक नहीं मिलता। लेकिन एसएसपी कृष्ण कुमार वीके ने एक प्रकरण में एक निलंबित एसओ का पक्ष सुना भी और समझा भी और उसके बाद निष्पक्ष जांच कराने के बाद सच सामने आने पर अपने ही आदेश को पलटते हुये क्लीन चिट भी दी। इसी के साथ उस दारोगा का सम्मान बरकरार रखते हुये एसओ बहादराबाद की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी गई। एसएसपी की इस ईमानदारी और पारदर्शी जांच के कारण पुलिस महकमे में उनके प्रति आदर और सम्मान के भाव में इजाफा भी हुआ है।
22 और 23 अगस्त की मध्य रात्रि एसएसपी कृष्ण कुमार वीके जनपद की सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लेने के लिये बाइक पर सवार होकर पथरी क्षेत्र का निरीक्षण करने पहुंचे। उनके निरीक्षण करने के दौरान क्षेत्र में अवैध खनन के वाहन बेरोकटोक जा रहे थे। एसएसपी ने जब इन वाहनों की चेकिंग करने के संबंध में पुलिसकर्मियों से पूछा गया तो उन्होंने पुलिस कप्तान को बेहद चौंकाने वाली जानकारी दी। इन बातों को सुनने के बाद एसएसपी कृष्ण कुमार वीके ने तत्काल प्रभाव से तत्कालीन थाना प्रभारी दीपक कठैत को निलंबित कर दिया साथ ही दो कांस्टेबलों पर भी गाज गिरी। तत्कालीन एसओ दीपक कठैत ने जनपद पुलिस मुख्यालय पहुंचकर एसएसपी कृष्ण कुमार के समक्ष अपना पक्ष रखा। तो एसएसपी ने उनकी बातों को बहुत ध्यान से सुना और इस प्रकरण की निष्पक्ष जांच कराने के आदेश दिये। जब इस प्रकरण की जांच रिपोर्ट सामने आई तो उन्होंने बिना देरी किये अपने ही आदेश को पलट दिया। जांच में दीपक कठैत पूरी तरह से निर्दोष पाये गये। एसएसपी कृष्ण कुमार वीके ने बताया कि उप निरीक्षक दीपक कठैत को क्लीन चिट देते हुये बहादराबाद थाने की अहम जिम्मेदारी दी हैं।